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3.5% से ज्यादा उछला Apollo Micro Systems का शेयर! आज कंपनी ने दी ये बड़ी जानकारी

दोपहर 12:31 बजे तक कंपनी का शेयर बीएसई पर 3.66% या 10.35 रुपये चढ़कर 293.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 3.59% या 10.15 रुपये चढ़कर 293.25 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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Apollo Micro Systems Share Price: डिफेंस सेक्टर की कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) के शेयरों में आज 3.5% से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। 

दोपहर 12:31 बजे तक कंपनी का शेयर बीएसई पर 3.66% या 10.35 रुपये चढ़कर 293.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 3.59% या 10.15 रुपये चढ़कर 293.25 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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आज क्यों है तेजी?

स्टॉक में यह तेजी कंपनी द्वारा जारी एक बिजनेस अपडेट के बाद आई है। दरअसल कंपनी ने आज अपने लेटेस्ट एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि Apollo Strategic Technologies Private Limited (ASTPL), जो Apollo Defence Industries की सब्सिडियरी है, ने अमेरिका की Dynamic Engineering and Design Incorporation के साथ एक MoU साइन किया है। 

इस पार्टनरशिप के तहत BM-21 Grad ER और Non-ER रॉकेट्स के लिए रॉकेट मोटर्स की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, को-डेवलपमेंट और लाइसेंस के तहत भारत में प्रोडक्शन करना है। ये कदम भारत में मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम्स के लिए जरूरी तकनीक को ‘Make in India’ के तहत देश में ही बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

कंपनी ने अपने फाइलिंग में बताया कि Apollo Group पहले ही 122mm रॉकेट वॉरहेड खुद से बना चुका है और अब मिड-2026 तक उसका पूरा उत्पादन शुरू करने की तैयारी में है। इस साझेदारी से अपोलो अब अपने बनाए वॉरहेड्स को भारत में बने रॉकेट मोटर्स के साथ जोड़ पाएगा।

BM-21 Grad रॉकेट्स दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले अनगाइडेड रॉकेट्स में से हैं। इस प्रोजेक्ट के साथ अपोलो ग्रुप भारत की पहली कुछ प्राइवेट कंपनियों में शामिल हो जाएगा जो इतने एडवांस लेवल का रॉकेट सिस्टम पूरी तरह खुद बना सकेगा। इससे भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता और ग्लोबल मार्केट में भारत की पकड़ और मज़बूत होगी।

Grad रॉकेट सिस्टम के बारे में

Grad रॉकेट सिस्टम एक 122 मिमी का आर्टिलरी रॉकेट होता है, जो मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) जैसे BM-21 सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता है।

इसका इस्तेमाल खासतौर पर बड़े इलाकों में फायरिंग करने (area saturation) और दुश्मन को दबाने (suppression) के लिए किया जाता है। इसकी एक खासियत ये है कि ये बहुत तेजी से लगातार फायर कर सकता है और इसकी रेंज करीब 40 किलोमीटर तक होती है।
Grad रॉकेट कई देशों की सेनाएं इस्तेमाल करती हैं और युद्ध के मैदान में इसकी ताकत और असरदारी साबित हो चुकी है।
 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।