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Analysis: Sensex 66 हजार के पार, Nifty 19,550 के पार, दया कुछ तो गड़बड़ है!

बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 66,000 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 सत्र के दौरान पहली बार 19,550 अंक को छूकर नई ऊंचाई पर पहुंच गया। लेकिन एक आंकड़ा ऐसा है जो लोगों को सोच के विपरित है। क्योंकि पिछले महीने कॉन्ट्रा फंड्स में भी फ्लो बढ़ा है।

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Sensex 66 हजार के पार, Nifty 19,550 के पार
Sensex 66 हजार के पार, Nifty 19,550 के पार

घरेलू इक्विटी में अफलातून तेजी है। बेंचमार्क सूचकांक नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। हाल ही में AMFI के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी फंड्स में फ्लो रिकॉर्ड लेवल पर है। बीएसई Sensex गुरुवार को 66,000 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई का Nifty 50 सत्र के दौरान पहली बार 19,550 अंक को छूकर नई ऊंचाई पर पहुंच गया। लेकिन एक आंकड़ा ऐसा है जो लोगों को सोच के विपरित है। क्योंकि पिछले महीने कॉन्ट्रा फंड्स में भी फ्लो बढ़ा है। 

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बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50- में पिछले तीन महीनों में लगभग 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है, जबकि पिछले एक साल में इनमें 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों से पता चलता है कि इसी तरह, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में पिछले एक साल में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि 23 वैल्यू फंड या कॉन्ट्रा फंड में जून महीने के दौरान 2,239 करोड़ रुपये का नेट फ्लो देखा गया। यानि स्मार्ट निवेशक कॉन्ट्रा फंड्स का रूख कर रहे हैं।  हालांकि, बाज़ार के विपरित कॉल लेने का मतलब बाजार के खिलाफ जाना नहीं है।  इसका मतलब है बाजार वैल्यू और मार्जिन ऑफ सेफ्टी को देखना। इस समय जब बाजार अपने चरम पर है तो निवेशक विपरीत दांव खेलने के विकल्पों को भी खोज रहे हैं।  एयूएम कैपिटल के नेशनल हेड-वेल्थ Mukesh Kochhar ने कहा, चूंकि इन शेयरों में या तो पिटे हुए क्षेत्र शामिल हैं या जो तुलनात्मक रूप से ज्यादा नहीं बढ़ने वाले स्टॉक्स हैं जहां पर ज्यादा मार्जिन ऑफ सेफ्टी है।

बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50- में पिछले तीन महीनों में लगभग 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है
बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50- में पिछले तीन महीनों में लगभग 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई


बाज़ारों पर नज़र रखने वाले अन्य विश्लेषकों ने कहा कि बाज़ारों में मुनाफ़ा बुकिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन बाजार के बारे में भविष्यवाणी करना सबसे मुश्किल काम है। बाजा़र को टाइम करना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि व्यक्ति को एसेट अलोकेशन  और निवेश के डिसीप्लीन का पालन करना चाहिए। टोरस ओरो के फंड मैनेजर Dinesh Shah ने कहा, निवेशक उन जगहों पर ध्यान दे रहे हैं जहां Risk-Reward Ratio अनुकूल दिखता है और जहां कीमतें Intrinsic Value के सिद्धांतों के विपरित नहीं गई है। राइट होराइजन्स के संस्थापक और सीईओ Anil Rego का कहना है कि कॉन्ट्रा फंड्स का विरोधाभासी दृष्टिकोण बाजार जोखिमों के खिलाफ बचाव प्रदान कर सकता है और संभावित मंदी से बचाने में मदद कर सकता है। 

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।