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Explainer Series 1: बुल रन में कैसे शानदार काम करता है Technical Analysis

टेक्निकल इंडिकेटर्स एक प्रीसेट लॉजिक (preset logic) पर बनाए गए हैं, जिनका उपयोग करके एक ट्रेडर अपने टेक्निकल एनालिसिस (कैंडलस्टिक्स, वॉल्यूम, S&R) को और मजबूत कर सकता है। इंडिकेटर्स ट्रेडिंग से जुड़े फैसले, जैसे खरीदना, बेचना, ट्रेड की पुष्टि करना और कभी-कभी ट्रेंड की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।

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बुल रन में ज्यादा से ज्यादा ट्रेडर टेक्नीकल एनालिसिस से पैसा कमाते हैं
बुल रन में ज्यादा से ज्यादा ट्रेडर टेक्नीकल एनालिसिस से पैसा कमाते हैं

बुल रन में ज्यादा से ज्यादा ट्रेडर टेक्नीकल एनालिसिस से पैसा कमाते हैं। लेकिन सबके मन में सवाल होता है कि टेक्नीकल एनालिसिस क्या होता है और कैसे इसके इस्तेमाल मोंमेटम को चेज करने में किया जा सकता है। लेकिन टेक्नीकल एनालिसिस को समझने से पहले ये समझिए कि किसी भी शेयर के चार्ट पर इंडीकेटर कैसे लगाएं और वो कौन-कौन से इंडीकेटर होते हैं जिनका इस्तेमाल हम अपने टेक्नीकल एनालिसिस में कर सकते हैं।

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इंडीकेटर क्या होते हैं?

टेक्निकल इंडिकेटर्स एक प्रीसेट लॉजिक (preset logic) पर बनाए गए हैं, जिनका उपयोग करके एक ट्रेडर अपने टेक्निकल एनालिसिस (कैंडलस्टिक्स, वॉल्यूम, S&R) को और मजबूत कर सकता है। इंडिकेटर्स ट्रेडिंग से जुड़े फैसले, जैसे खरीदना, बेचना, ट्रेड की पुष्टि करना और कभी-कभी ट्रेंड की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
( स्रोत: Zeordha Varsity)

टेक्नीकल इंडीकेटर दो तरीके के होते हैं। एक लीडिंग इंडीकेटर और दूसर लैगिंग इंडीकेटर आमौतर पर लीडिंग इंडीकेटर पहले से ही रिवर्सल (यानी बदलाव) का संकेत दे देता है जिसका इस्तेमाल करके पहले ही सौदा काट लिया जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा गलतियां लीडिंग इंडीकेटर में ही होती है। लैंगिंग इंडीकेटर शेयर के प्राइस के पीछे चलता है।आमतौर पर यह ट्रेंड रिवर्सल या एक नए ट्रेंड के घटित होने के बाद संकेत देता है। इसका सबसे सटीक उदाहरण है मूविंग एवरेज़। मूविंग एवरेज अपने आप में एक इंडीकेटर है। आमतौर पर RSI, MACD में इसका उपयोग होता है।

टेक्नीकल इंडीकेटर दो तरीके के होते हैं। एक लीडिंग इंडीकेटर और दूसर लैगिंग इंडीकेटर। 
टेक्नीकल इंडीकेटर दो तरीके के होते हैं। एक लीडिंग इंडीकेटर और दूसर लैगिंग इंडीकेटर। 


रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (Relative Strength Index) या सिर्फ RSI का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। इस इंडीकेटर को जे. वेल्स वाइल्डर ने विकसित किया।  RSI एक लीडिंग इंडिकेटर है जो एक ट्रेंड रिवर्सल की पहचान करने में मदद करता है। RSI इंडिकेटर 0 और 100 के बीच ही रहता है। कुछ एनालिस्ट RSI के 60 के ऊपर जाने पर किसी भी स्टॉक में मोमेंटम चेज करने की कॉल लेते हैं कुछ एनालिस्ट RSI 60 के नीचे जाने पर ओवरसोल्ड होने का ऐलान करते हैं। RSI को हिंदी में रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स कहा जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसमें किसी दो शेयरों की तुलना होती है। बल्कि इसके बजाय स्टॉक की इंटरनल ताकत को दिखाता है।

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