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भारत में चॉकलेट बिजनेस कैसे शुरू करें, कितनी लागत आएगी - जानिए सबकुछ

चॉकलेट बिजनेस उन उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर बनकर उभरा है जो कम लागत में स्वाद और ब्रांडिंग के दम पर बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं। चलिए जानते हैं इसे कैसे शुरू करें?

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How to start a Chocolate Business: बदलते स्वाद, शहरीकरण और कंज्यूमर की बढ़ती मांग के साथ भारत में चॉकलेट उद्योग ने जबरदस्त गति पकड़ी है। जहां एक ओर एमएनसी कंपनियां जैसे Cadbury और Nestle बाजार में मजबूत पकड़ बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर घरेलू स्तर पर छोटे-स्तर के चॉकलेट ब्रांड भी तेजी से उभर रहे हैं। ऐसे में चॉकलेट बिजनेस उन उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर बनकर उभरा है जो कम लागत में स्वाद और ब्रांडिंग के दम पर बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं।

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बाजार की संभावनाएं

India Brand Equity Foundation (IBEF) के अनुसार, भारत में चॉकलेट उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने प्रीमियम और इम्पोर्टेड चॉकलेट का $27.84 मिलियन का आयात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 45% अधिक है। वहीं, हालिया अनुमानों के अनुसार, भारत का घरेलू चॉकलेट बाजार 2024 में लगभग ₹1.80 बिलियन का रहा और 2025-34 के दौरान यह सालाना 5.2% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 

खासतौर पर डार्क चॉकलेट, प्रीमियम हैंडमेड चॉकलेट और फ्यूजन फ्लेवर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। त्योहारों, उपहारों और शादी जैसे मौकों पर इसकी खपत में भारी उछाल देखा गया है।

कैसे करें शुरू?

चॉकलेट बिजनेस की शुरुआत दो तरह से की जा सकती है - होममेड (घरेलू स्तर) या कमर्शियल स्केल पर।

बिजनेस प्लान बनाएं: सबसे पहले टारगेट कस्टमर तय करें - जैसे आपको चॉकलेट किसके लिए बनाना है, बच्चों के लिए या फिर हेल्थ कॉन्शियस ग्राहकों के लिए डार्क चॉकलेट, या कॉर्पोरेट गिफ्टिंग सेगमेंट या फिर आम लोगों के लिए। 

चॉकलेट बनाना सीखें: ऑनलाइन या ऑफलाइन ट्रेनिंग से चॉकलेट मेकिंग सीखना फायदेमंद रहेगा। कई संस्थान मशीन, मोल्डिंग, टेम्परिंग और फ्लेवरिंग की ट्रेनिंग देते हैं।

लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन:

  • FSSAI लाइसेंस (खाद्य सुरक्षा के लिए अनिवार्य)
     
  • GST रजिस्ट्रेशन
     
  • MSME/Udyam रजिस्ट्रेशन (छोटे व्यवसायों को सरकारी लाभ पाने में मदद)

कच्चा माल और उपकरण: कोको पाउडर, कोको बटर, दूध पाउडर, फ्लेवरिंग एजेंट, नट्स, और वैरायटी मोल्ड्स की जरूरत होगी। छोटे स्तर पर माइक्रोवेव और मिक्सर से काम चल सकता है, लेकिन बढ़ते स्तर पर मशीनें लगानी होंगी।

पैकेजिंग और ब्रांडिंग: आकर्षक पैकेजिंग उपभोक्ता का ध्यान खींचने में अहम भूमिका निभाती है। अपना लोगो, टैगलाइन और सोशल मीडिया उपस्थिति मजबूत करें।

सेलिंग चैनल: शुरुआत में लोकल मार्केट, स्कूल फेयर्स, फूड फेस्टिवल या इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बिक्री शुरू करें। धीरे-धीरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart) से जुड़ सकते हैं।

लागत और मुनाफा

होममेड यूनिट की शुरुआत ₹30,000–₹50,000 में हो सकती है, जबकि कमर्शियल यूनिट के लिए ₹2–5 लाख तक का निवेश जरूरी है। चॉकलेट का मार्जिन आम तौर पर 30-50% तक होता है। त्योहारों के समय यह मुनाफा दोगुना भी हो सकता है।

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चुनौतियां और समाधान

Shelf Life: चॉकलेट को ठंडी जगह में रखना जरूरी है, वरना पिघल सकती है। इसके लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करनी होगी।

कंपीटिशन: ब्रांड डिफरेंशिएशन और यूनिक फ्लेवर से कंपीटिशन को हराया जा सकता है।