आईपीओ प्राइस से 54% उछला मीशो का शेयर! बंपर लिस्टिंग के बाद से जारी है तेजी, ब्रोकरेज भी बुलिश- चेक करें टारगेट
मीशो का शेयर अपने आईपीओ प्राइस 111 रुपये से 54% ज्यादा चढ़कर ट्रेड कर रहा है। BSE पर आज कंपनी का शेयर 45.23% के प्रीमियम के साथ 161.20 रुपये पर लिस्ट हुआ था और NSE पर स्टॉक 46.40% के प्रीमियम के साथ 162.50 रुपये पर लिस्ट हुआ था।

Meesho Share Price Target: ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मीशो लिमिटेड (Meesho Ltd) के बंपर डेब्यू के बाद ब्रोकरेज फर्म, चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking) ने इस शेयर पर अपने कवरेज को शुरू करते हुए BUY कॉल दिया है।
खबर लिखे जानें तक मीशो का शेयर अपने आईपीओ प्राइस 111 रुपये से 54% ज्यादा चढ़कर ट्रेड कर रहा है। BSE पर आज कंपनी का शेयर 45.23% के प्रीमियम के साथ 161.20 रुपये पर लिस्ट हुआ था और NSE पर स्टॉक 46.40% के प्रीमियम के साथ 162.50 रुपये पर लिस्ट हुआ था।
खबर लिखे जानें तक स्टॉक बीएसई पर दोपहर 12:50 बजे तक 5.80% या 9.35 रुपये चढ़कर 170.55 रुपये पर ट्रेड कर रहा था जो इसके आईपीओ प्राइस से 53.65% अधिक है।
वहीं एनएसई पर स्टॉक 5.11% या 8.31 रुपये चढ़कर 170.81 रुपये पर कारोबार कर रहा था जो इसके आईपीओ प्राइस से 53.88% ज्यादा है।
ब्रोकरेज की राय और टारगेट प्राइस
चॉइस ब्रोकिंग ने आज अपनी रिपोर्ट में मीशो पर कवरेज को शुरू करते हुए BUY कॉल दिया है। ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस 200 रुपये रखा है।
ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी का वैल्यूएशन FY28 के लिए 4x EV/Revenue आधार पर किया गया है। चॉइस ने कहा कि मीशो अभी भी प्लेटफॉर्म ग्रोथ के शुरुआती तेज दौर में है और FY25-28 के बीच 31% राजस्व वृद्धि (Revenue CAGR) की उम्मीद है।
यह वृद्धि कम कीमत वाले ई-कॉमर्स की मजबूत मांग और लॉजिस्टिक्स (Valmo के विस्तार) से मिलने वाली लागत बचत की वजह से आएगी।
कंपनी का EBITDA FY27 तक पॉजिटिव होने की उम्मीद है, क्योंकि जैसे-जैसे ऑपरेशन बढ़ेंगे, लागत घटेगी और यूनिट इकॉनॉमिक्स बेहतर होंगी।
इसके बावजूद, वर्तमान समय में Meesho का ट्रेडिंग वैल्यूएशन FY28E EV/Revenue पर सिर्फ 2.4x है, जबकि इसी सेक्टर की अन्य कंपनियों का औसत 5.4x है।
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में इसका Upside Trigger बताते हुए कहा कि कंपनी अगर अनुमान से जल्दी मुनाफे में आ जाती है, तो शेयर कीमत में तेज बढ़त देखने को मिल सकती है।
वहीं Key Risks के बारे में ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी को अमेजन बाजार और फ्लिपकार्ट शॉप्सी जैसे प्लेटफॉर्म से कड़ा कंपटीशन करना होगा। इसके अलावा लगभग 77% ऑर्डर कैश ऑन डिलीवरी (COD) होने से अतिरिक्त लागत और रिटर्न का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, कंपनी का काफी निर्भर होना अलग-अलग, बिखरे हुए लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स पर भी जोखिम बढ़ाता है।

