क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए नए साल में लें ये 3 संकल्प, लोन मिलने में कभी नहीं होगी दिक्कत
अगर आप चाहते हैं कि आने वाले साल में आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में कोई दिक्कत न हो, तो आपको अभी से तीन जरूरी संकल्प लेने चाहिए।

Credit/Cibil Score: साल 2025 अब विदा हो रहा है और हम 2026 की दहलीज पर खड़े हैं। यह वह समय है जब हम अपनी जिंदगी, करियर और रिश्तों का हिसाब-किताब करते हैं। लेकिन आज के दौर में, जहां हमारी जरूरतों के लिए क्रेडिट (उधार) एक अहम भूमिका निभाता है, वहां अपने फाइनेंशियल हेल्थ यानी क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
अगर आप चाहते हैं कि आने वाले साल में आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में कोई दिक्कत न हो, तो आपको अभी से तीन जरूरी संकल्प लेने चाहिए।
पुराने बकाया बिलों को तुरंत निपटाएं
क्रेडिट स्कोर सुधारने का सबसे पहला और बुनियादी नियम है समय पर अपने लोन की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का बिल भरना। अगर आपने कोई पेमेंट मिस की है, तो वह आपके क्रेडिट रिपोर्ट में लंबे समय तक दिखती है और आपके स्कोर को गिरा देती है। इसलिए, नए साल का पहला संकल्प लें कि आप अपने सभी पुराने बकाया बिल चुकाएंगे।
क्रेडिट लिमिट का सही इस्तेमाल
क्रेडिट स्कोर पर इस बात का बड़ा असर पड़ता है कि आप अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का कितना हिस्सा इस्तेमाल कर रहे हैं। बैंकिंग भाषा में इसे 'क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो' कहते हैं। जानकारों का मानना है कि आपको अपनी कुल लिमिट का 30 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, तो कोशिश करें कि आपका बैलेंस 30 हजार से ऊपर न जाए। इसके लिए आप अपना मंथली बजट बनाएं ताकि फिजूलखर्ची से बच सकें। साथ ही, आप अपने बैंक से क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का अनुरोध भी कर सकते हैं, जिससे आपका यूटिलाइजेशन रेशियो कम बना रहेगा।
क्रेडिट रिपोर्ट की गलतियों को सुधारें
अक्सर हम अपनी क्रेडिट रिपोर्ट तभी देखते हैं जब हमें लोन लेना होता है, लेकिन यह एक गलत आदत है। कई बार आपकी रिपोर्ट में ऐसी गलतियां हो सकती हैं जो आपने की ही नहीं हैं। जैसे किसी और का अकाउंट आपके नाम पर दिखना, भुगतान की तारीख गलत होना या बकाया राशि का वास्तविक लोन से कहीं ज्यादा दिखना।
ऐसी गलतियां सीधे तौर पर आपके स्कोर को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए नियमित तौर पर अपनी रिपोर्ट चेक करें। अगर आपको कोई भी गड़बड़ी दिखे, तो तुरंत क्रेडिट ब्यूरो या संबंधित बैंक को शिकायत दर्ज कराएं और उसे ठीक करवाएं।

