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ताबड़तोड़ बढ़ रहा है सोना! एक्सपर्ट से जानिए और कितना बढ़ सकता है 'पीले' का भाव और निवेशक क्या करें?

23 सितंबर 2025 को, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,14,300 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जो इस साल की मजबूत रैली को दिखाता है।सोने ने पिछले साल 12% और 16% की शानदार वृद्धि दी थी, और इस साल की उछाल से यह आगे बढ़ा है।

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Gold Prices: सोने की कीमतों में 2025 में भारी वृद्धि देखी जा रही है। यह अब तक 43 प्रतिशत बढ़ चुका है। सोना की कीमतों में जियोपॉलिटिकल टेंशन, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के तहत ट्रेड संकट और केंद्रीय बैंकों द्वारा ज्यादा से ज्यादा सोने की खरीदारी के चलते तेजी देखने को मिल रही है।

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सोने की कीमतों में तेजी

23 सितंबर 2025 को, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,14,300 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जो इस साल की मजबूत रैली को दिखाता है।सोने ने पिछले साल 12% और 16% की शानदार वृद्धि दी थी, और इस साल की उछाल से यह आगे बढ़ा है।

Jefferies का अनुमान

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Jefferies के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी, क्रिस वुड ने कहा कि सोने की कीमत $3,745 प्रति औंस से बढ़कर $6,600 प्रति औंस तक जा सकती है, जो 76% की वृद्धि होगी। उन्होंने यह अनुमान अमेरिकी डिस्पोजेबल इनकम ट्रेंड्स के आधार पर लगाया है, और 1980 में सोने के पीक प्राइस को वर्तमान के हिसाब से अपडेट किया है।

वुड का कहना है कि सोने की वर्तमान कीमत अमेरिकी डिस्पोजेबल इनकम के 5.6% के बराबर है। यदि यह 9.9% तक पहुंचता है, जैसा कि 1980 के उच्चतम स्तर पर था, तो सोने की कीमत $6,571 होनी चाहिए। उनका अनुमान $6,600/औंस का है, जो वर्तमान सेक्युलर बुल मार्केट के पीक को दिखाता है।

और कितना बढ़ सकता है सोना?

अन्य एक्सपर्ट भी सोने की कीमतों के और बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं। Julius Baer के एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुनिया के कई केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जो इसकी मांग को बढ़ा रहा है। इसके अलावा, तकनीकी चार्ट भी यह इशारा कर रहे हैं कि सोने की कीमतें $4,500 से $4,800 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं।

इतना ही नहीं, चांदी में भी अच्छी तेजी आने की संभावना जताई जा रही है, जिसकी कीमत $52 से $58 प्रति औंस तक जा सकती है।

भारत में सोने की कीमतों की स्थिति

भारत में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ ग्लोबल कारणों से ही नहीं, बल्कि स्थानीय वजहों से भी हो रही है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष अक्षा कांबोज का कहना है कि त्योहारों का मौसम, कमजोर रुपया, और विदेशों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें - ये सभी कारण मिलकर भारत में सोने की मांग को और बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सोने की कीमतें नीचे नहीं आ रही हैं, और जिन लोगों ने सोना खरीदा है, वे अब इसे बेचने के बजाय अपने पास रखने की सोच रहे हैं।

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निवेशकों के लिए आगे क्या हो स्ट्रैटजी?

हालांकि आने वाले दिनों में थोड़ा प्रॉफिट बुकिंग हो सकता है लेकिन लंबी अवधि में सोने में निवेश करना अभी भी एक मजबूत विकल्प माना जा रहा है।

सोना आज भी मुद्रास्फीति (महंगाई), आर्थिक अनिश्चितता, और वैश्विक अस्थिरता के समय में एक मजबूत सुरक्षा कवच बना हुआ है। एक्सपर्ट वुड का मानना है कि सोने की कीमत $6,600 प्रति औंस तक जा सकती है। यह संकेत करता है कि सोने की मौजूदा तेजी आने वाले कई वर्षों तक जारी रह सकती है। यानी जो निवेशक लंबी अवधि के लिए सोच रहे हैं, उनके लिए सोना अभी भी एक भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है।