अब सिर्फ सोना नहीं, बिटकॉइन भी बन रहा है भारत के अमीरों का नया भरोसा
अब लोग सोने की जगह बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं। आइए, आर्टिकल में जानते हैं कि यह डिजिटल एसेट क्यों लोगों की पसंद बन रहा है।

भारत में सोना हमेशा से भरोसे और संपन्नता का प्रतीक रहा है। शादी-ब्याह से लेकर पारिवारिक विरासत तक, हर जगह इसकी जगह खास रही है। लेकिन अब समय बदल रहा है। आज के अमीर लोग अपनी संपत्ति को सिर्फ सोने में नहीं, बल्कि नए जमाने की डिजिटल एसेट जैसे बिटकॉइन में भी लगा रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है क्रिप्टो की तरफ दिलचस्पी?
Mudrex के CEO एडुल पटेल कहते हैं कि अमेरिका के पिछले चुनाव के बाद से दुनियाभर में क्रिप्टो को लेकर भरोसा बढ़ा है। भारत में भी अब हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और फैमिली ऑफिसेस अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो को जोड़ रहे हैं। वे इसे निवेश का एक और रास्ता और जोखिम से बचाव (hedge) के तौर पर देख रहे हैं।
पटेल बताते हैं कि उनके प्लेटफॉर्म पर अब करीब 30% ट्रेडिंग इन्हीं अमीर निवेशकों की ओर से हो रही है, जो अपनी संपत्ति का 2–5% हिस्सा बिटकॉइन, एथेरियम और सोलाना जैसे डिजिटल कॉइन में लगा रहे हैं।
बिटकॉइन की बढ़ती पॉपुलेरिटी
बिटकॉइन की खासियत है कि अब इसे सिर्फ टेक-प्रेमी लोगों की चीज नहीं माना जा रहा। CoinDCX के को-फाउंडर सुमित गुप्ता कहते हैं कि ब्लैकरॉक जैसी बड़ी ग्लोबल कंपनियों ने बिटकॉइन ETF लॉन्च किया है, जिससे इसका भरोसा और बढ़ा है।
बिटकॉइन में उतार-चढ़ाव ज्यादा है, ये सभी जानते हैं। लेकिन HNIs इसे ध्यान से हैंडल करते हैं। वे इसे अपने पोर्टफोलियो का छोटा हिस्सा (2–8%) बनाते हैं।
CIFDAQ के चेयरमैन हिमांशु मराड़िया कहते हैं कि बिटकॉइन ने 10 साल में करीब 70% का सालाना रिटर्न दिया है, जबकि सोना सिर्फ 6–8% ही दे पाया है। यही वजह है कि लोग क्रिप्टो को "हाई-रिस्क, हाई-रिवार्ड" ऑप्शन के रूप में देख रहे हैं।
नई पीढ़ी की पसंद बन रहा क्रिप्टो
क्रिप्टो को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह नई पीढ़ी में है। Mudrex के मुताबिक, परिवारों में बिटकॉइन पर बात सबसे पहले युवा वारिस ही शुरू करते हैं। वे तकनीक में निपुण होते हैं और नई चीजों को अपनाने को तैयार रहते हैं। यही युवा अब फैमिली इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी का हिस्सा बनकर क्रिप्टो को आगे बढ़ा रहे हैं।