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रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त इन 5 चीजों को न करें नजरअंदाज, वरना बढ़ सकती हैं आर्थिक मुश्किलें

आज हम आपको ऐसी 5 गलतियों से सावधान कर रहे हैं जिससे आपको अपने रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त बचना चाहिए।

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Retirement Planning: रिटायरमेंट एक ऐसा समय होता है जब इंसान अपनी जिंदगी के सबसे आरामदायक पल जीना चाहता है वो भी बिना किसी आर्थिक चिंता के। लेकिन यह तभी मुमकिन है जब आपने सही समय पर और सही तरीके से रिटायरमेंट की योजना बनाई हो।हालांकि अधिकतर लोग रिटायरमेंट प्लानिंग को तब तक टालते हैं, जब तक बहुत देर न हो जाए और यही उनकी सबसे बड़ी भूल बन जाती है।

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आज हम आपको ऐसी 5 गलतियों से सावधान कर रहे हैं जिससे आपको अपने रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त बचना चाहिए।

1. जल्दी शुरुआत न करना

अगर आप 30 की उम्र में प्लानिंग शुरू करते हैं, तो आपके पास निवेश बढ़ाने और कंपाउंडिंग का फायदा लेने के लिए करीब तीन दशक होते हैं। लेकिन 45 की उम्र में शुरू करने पर समय और ब्याज दोनों आपके पक्ष में नहीं रहते।

2. महंगाई को नजरअंदाज करना

आज का ₹20,000 मासिक खर्च अगले 20 साल में ₹50,000 से कम में पूरा नहीं होगा। महंगाई धीरे-धीरे आपकी बचत की असली वैल्यू घटा देती है। इसे प्लानिंग में शामिल न करना रिटायरमेंट के बाद पैसों की कमी का सबसे बड़ा कारण है।

3. स्वास्थ्य खर्च को हल्के में लेना

उम्र बढ़ने के साथ मेडिकल खर्च तेजी से बढ़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस और अलग मेडिकल इमरजेंसी फंड न होने पर रिटायरमेंट के बाद वित्तीय संकट गहरा सकता है।

4. एक ही इनकम सोर्स पर निर्भर रहना

सिर्फ PPF या PF पर भरोसा करना जोखिम भरा है। म्यूचुअल फंड, NPS, एफडी, और सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम जैसे विकल्पों में निवेश कर आय के कई स्रोत बनाने चाहिए।

5. बिना लक्ष्य तय किए निवेश करना

अगर आपको यह नहीं पता कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने कितनी रकम चाहिए, तो बचत का सही आकार तय करना मुश्किल हो जाएगा। स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य ही सही योजना की नींव है।

वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि रिटायरमेंट प्लानिंग कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि सालों की प्रक्रिया है। समय पर शुरुआत, सही निवेश और इन गलतियों से बचाव ही सुरक्षित, निश्चिंत और खुशहाल रिटायरमेंट का आधार है।