इस साल 15 अगस्त पर कौन फहरायेगा दिल्ली में तिरंगा?
दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग/ General Administration Department (GAD) ने मंगलवार को कह दिया है कि वह दिल्ली की मंत्री और AAP नेता आतिशी को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की इजाज़त नहीं दे सकते हैं और बताया है कि स्वतंत्रता दिवस मनाने की एक निर्धारित प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया में बदलाव नहीं कर सकते हैं।

आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों के कारण उनका जेल में हैं।अब सवाल उठ रहा है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडा कौन फहरायेगा?
दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग/ General Administration Department (GAD) ने मंगलवार को कह दिया है कि वह दिल्ली की मंत्री और AAP नेता आतिशी को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की इजाज़त नहीं दे सकते हैं और बताया है कि स्वतंत्रता दिवस मनाने की एक निर्धारित प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया में बदलाव नहीं कर सकते हैं।
Also Read: IRCTC का मुनाफा 32.75% बढ़कर ₹308 करोड़: पहली तिमाही में रेवेन्यू 11.88% बढ़ा
राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति न मिलने पर आतिशी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर कटाक्ष किया और कहा कि एक 'नया वायसराय’/ "new viceroy" आया है और वह राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं।
आतिशी ने आगे कहा कि "दिल्ली की चुनी हुई सरकार को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार से दूर किया जा रहा है... नए वायसराय आए हैं और वह राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं... उपराज्यपाल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराना चुनी हुई सरकार का अधिकार है।”
इससे पहले भी दिल्ली के आप मंत्री गोपाल राय ने GAD को अरविंद केजरीवाल की इच्छा के अनुरूप आतिशी के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
मंत्री के संचार का जवाब देते हुए, GAD के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि केजरीवाल का निर्देश "कानूनी रूप से अमान्य है और उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है"।
GAD additional chief secretary Naveen Kumar Chaudhary ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा अपने नियमित छत्रसाल स्टेडियम स्थल पर स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी चल रही थी और बताया चूंकि केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं और झंडा फहराने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए मामले की जानकारी ''उच्च प्राधिकारी'' को दे दी गई है और अब निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।