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क्या है दोहरी नागरिकता, और क्या भारत में मिल सकती है?

कई बार आप सोचते होंगे कि अगर मेरे पास अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों की नागरिकता हो तो कैसा रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में अगर आपको किसी दूसरे देश की नागरिकता चाहिए तो आपको भारत की नागरिकता छोड़नी होगी।भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है। इसके बदले सरकार ने भारतीय मूल के लोगों के लिए "ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया" (OCI) योजना लागू की है।

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कई बार आप सोचते होंगे कि अगर मेरे पास अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों की नागरिकता हो तो कैसा रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में अगर आपको किसी दूसरे देश की नागरिकता चाहिए तो आपको भारत की नागरिकता छोड़नी होगी।भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है। इसके बदले सरकार ने भारतीय मूल के लोगों के लिए "ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया" (OCI) योजना लागू की है, जिससे प्रवासी भारतीयों को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं। OCI कार्डधारकों को कई लाभ मिलते हैं, परंतु यह पूर्ण नागरिकता के समान नहीं है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि OCI नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और मौजूदा नियम 2021 में जारी गजेट अधिसूचना के अनुसार ही रहेंगे।

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क्या है OCI और यह कैसे दोहरी नागरिकता से अलग है?

OCI एक स्कीम है जो विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत के "विदेशी नागरिक" के रूप में पंजीकरण करने का अवसर देती है। यह उन प्रवासियों के लिए है, जो 26 जनवरी 1950 के बाद भारत के नागरिक थे या उस समय नागरिकता के मानदंडों पर खरे उतरते थे। इस योजना को 2005 में संसद में प्रस्तुत करते समय तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने इसे प्रवासी भारतीयों को दोहरी नागरिकता जैसी सुविधाएं देने का उद्देश्य बताया था।

भारत में दोहरी नागरिकता क्यों नहीं है?

भारत में दोहरी नागरिकता इसलिए नहीं है क्योंकि सरकार चाहती है कि नागरिकों की निष्ठा और जिम्मेदारी केवल एक देश के प्रति हो। इसके अलावा, दोहरी नागरिकता के साथ कई बार कानूनी और नीतिगत विवाद उत्पन्न हो सकते हैं, जिसे सरकार टालना चाहती है। कई देशों में भी अब दोहरी नागरिकता को समाप्त करने की प्रवृत्ति देखी जा रही है।

OCI कार्डधारकों पर क्या पाबंदियां हैं?

वे भारतीय चुनावों में न तो वोट कर सकते हैं और न ही चुनाव में उम्मीदवार बन सकते हैं।
किसी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो सकते।
सरकारी पद पर नियुक्त नहीं हो सकते।
कृषि भूमि नहीं खरीद सकते, न ही संवेदनशील क्षेत्रों में प्रॉपर्टी ले सकते हैं। हालांकि अन्य जगहों पर वे संपत्ति खरीद सकते हैं।
OCI कार्डधारकों के लाभ
भारत में आने के लिए उन्हें वीजा की आवश्यकता नहीं होती, और उनका वीजा हमेशा वैध रहता है।
वे भारत में रिसर्च या पत्रकारिता जैसे कार्य कर सकते हैं, बशर्ते सरकार से अनुमति प्राप्त हो।
ऐतिहासिक स्थलों पर विदेशी नागरिकों की तुलना में कम प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
कौन कर सकता है OCI के लिए आवेदन?
OCI कार्ड के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पूर्वज 1950 में भारतीय नागरिक होने की पात्रता रखते हों, या जिन्होंने संविधान लागू होने के समय या उसके बाद भारतीय नागरिकता प्राप्त की हो।

कौन नहीं कर सकता है आवेदन?

पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के नागरिक OCI कार्ड के लिए पात्र नहीं हैं। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में वे भारत आने की अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।

PIO और OCI में अंतर

OCI से पहले, सरकार ने 2003 में "पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन" (PIO) कार्ड योजना लागू की थी। PIO कार्ड उन व्यक्तियों के लिए था जिनके पूर्वज भारत में 1935 से पहले के नागरिक रहे थे। हालांकि, PIO स्कीम को अब OCI में मर्ज कर दिया गया है।

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NRI और OCI में क्या अंतर है?

NRI (अनिवासी भारतीय) वे लोग होते हैं जो भारतीय नागरिक होते हुए भी विदेश में रहते हैं। वे भारतीय चुनावों में वोट कर सकते हैं और खेती के लिए जमीन खरीद सकते हैं। वहीं, OCI कार्डधारक भारतीय मूल के होते हुए भी दूसरे देश के स्थायी निवासी होते हैं और भारतीय नागरिकता नहीं रखते।