Loksabha Election 2024: Surat में बिना चुनाव कैसे जीत गयी BJP, निर्विरोध चुने जाने पर चुनाव आयोग ने दिया यह जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, वोटिंग के रिकॉर्ड, लोकतंत्र की ताकत, चुनाव के बाद होने वाली हिंसा और आदर्श आचार संहिता लागू समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की हैं। इस दौरान राजीव कुमार से सूरत में प्रत्याशी के निर्विरोध निर्वाचित कि जाने पर भी सवाल किया गया।

लोकसभा चुनाव के रिजल्ट में महज अब कुछ घंटे ही बाकि रह गए है। काउंटिंग से ठीक एक दिन पहले सोमवार को इलेक्शन कमीशन ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, वोटिंग के रिकॉर्ड, लोकतंत्र की ताकत, चुनाव के बाद होने वाली हिंसा और आदर्श आचार संहिता लागू समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की हैं। इस दौरान राजीव कुमार से सूरत में प्रत्याशी के निर्विरोध निर्वाचित कि जाने पर भी सवाल किया गया।
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सूरत में निर्विरोध चुनावी जीत पर क्या बोले चुनाव आयुक्त
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब सूरत में निर्विरोध चुने जाने पर सवाल किया गया, तब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 'हमारी कोशिश यही है कि हर सीट पर चुनाव होना चाहिए। चुनाव लड़कर जीतने में जो प्रतिष्ठा है, वह निर्विरोध जीतने में नहीं है। लेकिन, अगर नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद प्रत्याशी खुद अपना नाम वापस ले तो हम क्या कर सकते हैं। जहां एक ही कैंडिडेट हो वहां वोटिंग कराना ठीक नहीं होगा। यहां हमारी एंट्री तब होती, जब किसी प्रत्याशी पर दबाव बनाकर या किसी अन्य तरीके से नाम वापस लेने के लिए मजबूर किया जाए।'
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सूरत में निर्विरोध चुने गए बीजेपी के मुकेश दलाल
बता दें कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल चुनाव होने से पहले ही जीत गए, क्योंकि उनके खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा रद्द हो गया था और बाकी निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया हैं। इसके बाद इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। कांग्रस ने इस पर सवाल उठाए और बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या करने के आरोप लगाए थे।
पहली बार चुनावी नतीजों से पहले ECI ने की प्रेस कॉन्फ्रेस
भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग (ECI) ने वोटिंग प्रक्रिया खत्म होने के बाद और रिजल्ट के पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं। 1951-52 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक कभी भी मतगणना से पहले चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की थी। इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जब लोकसभा और 4 राज्यों की विधानसभा के चुनावों की तारीखों का ऐलान किया था।