Independence Day 2024: जानिए स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को ‘Hoist’ और गणतंत्र दिवस पर ‘Unfurl’ क्यों किया जाता है?
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौक़े को पूरा देश बड़ी धूम-धाम से मनाता है। स्कूल, ऑफिस, सरकारी दफतरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

भारत को अंग्रेजों से आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी इसलिए हर साल भारतवासी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस उर्फ़ Independence Day के रूप में मनाते हैं और इसी के साथ एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 जनवरी 1950 को क़ानून व्यवस्था को लागू किया गया था जिसे हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस या Republic Day के नाम से मनाया जाता है। इस साल भारत अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौक़े को पूरा देश बड़ी धूम-धाम से मनाता है। स्कूल, ऑफिस, सरकारी दफतरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आज़ादी दिलाने वाले स्वंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है, देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों को याद किया जाता है। इन दोनों दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज को ‘Hoist’ और ‘Unfurl’ किया जाता है।
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आख़िर क्या है ‘Hoist’ और ‘Unfurl’ में अंतर?
वैसे तो ‘Hoist’ और ‘Unfurl’ इन दोनों में कुछ ज़्यादा अंतर है नहीं बस फ़र्क़ यह है कि दोनों समारोहों के दौरान तिरंगे को कैसे रखा जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर, झंडा पोल के नीचे स्थित होता है और नीचे से ऊपर तक प्रधानमंत्री द्वारा फहराया/ ‘Hoist’ किया जाता है तो वहीं गणतंत्र दिवस पर झंडे को मोड़कर या लपेटकर पोल के सबसे ऊपर/ टॉप पर लगा दिया जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा बिना खींचे इसका अनावरण किया जाता है।
मगर स्वतंत्रता दिवस पर ‘Hoist’ और गणतंत्र दिवस पर ‘Unfurl’ किया क्यों जाता है?
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री पोल के नीचे से झंडा फहराते हैं। इस दिन झंडा फहराने में अक्सर एक औपचारिक कार्यक्रम शामिल होता है जिसमें सैन्य या नागरिक सम्मान गार्ड झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान को बजाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण एक नए राष्ट्र के उदय, देशभक्ति और अंग्रेजों के शासन से मुक्ति का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस पर झंडा राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता है और यह ध्वजस्तंभ के शीर्ष पर बंद और बंधा रहता है। राष्ट्रपति द्वारा झंडे को बिना खींचे ही खोल दिया जाता है। बता दें कि गणतंत्र दिवस 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने का प्रतीक है। संविधान में निर्धारित सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में झंडा फहराया जाता है जो अंग्रेजों के शासन से एक sovereign, (democratic republic) लोकतांत्रिक गणराज्य में बदलाव को उजागर करता है।