आपका सैलेरी इंक्रीमेंट अच्छा होगा या फिर खराब?
सैलरी बढ़ने की टेंशन हर किसी को होती है। हर नौकरीपेशा को हर साल अच्छे सैलरी इंक्रीमेंट की उम्मीद रहती है। ये वेतन बढ़ोतरी उनमें फिर एक साल के लिए काम करने का जोश भर देती है। अब 2024 खत्म होने में केवल एक तिमाही बची है और उसके पहले ही नौकरीपेशा लोगों के लिए अगले साल की सैलरी बढ़ोतरी को लेकर एऑन पीएलसी के सर्वे में गुड न्यूज आई है। इस सर्वे के मुताबिक देश में अगले साल यानी 2025 में लोगों को पहले से ज्यादा सैलरी मिलेगी

2025 में लोगों को पहले से ज्यादा सैलरी मिलेगी
इस सर्वे के मुताबिक देश में अगले साल यानी 2025 में लोगों को पहले से ज्यादा सैलरी मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में लोगों की औसतन सैलरी साढ़े 9 फीसदी तक बढ़ सकती है। जबकि 2024 में ये बढ़ोतरी 9.3 फीसदी रहने का अनुमान है
ऐसा अलग-अलग सेक्टर्स में पॉजिटिव कारोबारी माहौल की वजह से होने का अनुमान है। अगर अलग अलग सेक्टर्स की बात करें तो इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर्स में 10 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी का अनुमान है, जबकि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स में सैलरी इंक्रीमेंट 9.9 परसेंट हो सकता है। वहीं टेक्निकल प्रॉडक्शन के कर्मचारियों को 9.3 फीसदी वेतन बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है, और सर्विस सेक्टर में सैलरी इंक्रीमेंट 8.1 परसेंट हो सकता है।
एऑन के मुताबिक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत
एऑन के मुताबिक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत में कई सेक्टर्स में पॉजिटिव माहौल बना हुआ है। ये मैन्युफैक्चरिंग, बायोसाइंस और रिटेल सेक्टर्स में अनुमानित वेतन बढ़ोतरी से साफ नजर भी आ रहा है। इसके अलावा
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था कई क्षेत्रों में कारोबार को बढ़ा रही है। इसके लिए कंपनियों को अच्छे कर्मचारी चाहिए तो वो ज्यादा वेतन दे रही हैं, और महंगाई में हो रही बढ़ोतरी भी कर्मचारियों के ज्यादा वेतन की वजह बन रही हैl सर्वे में ये भी बताया गया है कि नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियों को बदलते बाजार के आंकड़ों का ध्यान में रखकर रणनीति बनानी चाहिए। इस साल औसतन 16.9 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी जबकि 2023 में ये अनुपात 18.7 परसेंट और 2022 में 21.4 फीसदी था।
एऑन के मुताबिक नौकरी छोड़ने की दर में कमी कंपनियों को अंदरुनी विकास और उत्पादकता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देती है। एऑन का ये सर्वे 40 उद्योगों की 1176 से ज्यादा कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है।