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RBI ने जताया 6.5% ग्रोथ का अनुमान

आरबीआई (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 में 6.5% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है। आरबीआई की रिपोर्ट में भारतीय बैंकों ने अपनी निपटानी और प्रबंधन क्षमता में सुधार किया है।भारत की विकास गति 2023-24 में बनी रहने की संभावना है, जो महंगाई के दबाव को कम करने में कारगर साबित होगी। RBI ने वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने के अनुमान को बरकरार रखा है।अपनी एनुअल रिपोर्ट में RBI ने कहा है कि देश में महंगाई का खतरा कम हुआ है। 2023-24 में महंगाई का अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा है।

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​  Annual Report 2022-23 में  6.5% GDP Growth का अनुमान जताया है  ​
​ Annual Report 2022-23 में  6.5% GDP Growth का अनुमान जताया है ​

आरबीआई (RBI) ने अपनी आरबीआई की रिपोर्ट में भारतीय बैंकों ने अपनी निपटानी और प्रबंधन क्षमता में सुधार किया है। भारत की विकास गति 2023-24 में बनी रहने की संभावना है, जो महंगाई के दबाव को कम करने में कारगर साबित होगी। RBI ने वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। अपनी एनुअल रिपोर्ट में RBI ने कहा है कि देश में महंगाई का खतरा कम हुआ है। 2023-24 में महंगाई का अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा है। 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि 'स्थिर एक्सचेंज रेट और सामान्य मॉनसून के साथ - जब तक अल नीनो की घटना नहीं होती है तो महंगाई 2023-24 से नीचे जाने की उम्मीद है, हेडलाइन महंगाई 6.7% के औसत स्तर से 5.2% नीचे आ रही है। हालांकि, RBI ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि वैश्विक विकास में धीमी गति, दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव और ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में तनाव की घटनाओं के बाद वित्तीय बाजार की अस्थिरता में संभावित उछाल, विकास के लिए निगेटिव खतरा पैदा कर सकता है।

Annual Report में RBI ने कहा है कि देश में महंगाई का खतरा कम हुआ है
Annual Report में RBI ने कहा है कि देश में महंगाई का खतरा कम हुआ है

रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट सालाना आधार पर 2.5% बढ़कर वित्त वर्ष (FY23) में 63.4 लाख करोड़ रुपये हुई है। सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023 में 500 और 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में करेंसी के हिस्से के रूप में बढ़े हैं। मार्च 2022 में 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा 87.1% से बढ़कर मार्च 2023 तक 87.9% हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 181 करोड़ रह गई, जो सालाना आधार पर 15.4% कम है। वैल्यू टर्म में 500 रुपये के डिनॉमिनेशन का 37.9% पर सबसे ऊंची हिस्सेदारी रही है।

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