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GDP: S&P ने भारत की ग्रोथ का अनुमान 6% बरकरार रखा, अमेरिका और चीन की हालत खस्ता

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की इकोनॉमी को लेकर बुलिश है क्योंकि दुनिया में आर्थिक मंदी जैसे हालत है और वहीं, भारत इन सभी समस्या से दूर है और सभी देशों को पीछे छोड़ता हुआ लगातार आगे बढ़ रहा है।

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अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत को बड़ी राहत दी है
अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत को बड़ी राहत दी है

आर्थिक मोर्चे पर जो उठा पटक चल रही है वो बात किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में दुनिया की एक बड़ी एजेंसी ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। जैसा कि हम देख रहे हैं कि इस वक्त आर्थिक सुपर पावर का हाल भी चरमराया हुआ है चाहे वो अमेरिका हो या चीन, सबकी हालत खस्ता है। अमेरिका में शटडाउन का खतरा मंडरा रहा है। चीन की आर्थिक स्थिति और रियल एस्टेट सेक्टर की हालत खस्ता है। वहीं यूरोप भी पीछे नहीं है जाने माने देश जर्मनी और ब्रिटेन भी मंदी की मार खा रहा है। ऐसे में दुनिया की निगाहें फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी भारत पर ठहर गई हैं। अब विदेशी एजेंसी की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था पर आउटलुक जारी किया गया है। इस ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने क्या कहा है, आइये जानते हैं।

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अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत को बड़ी राहत दी है। साथ ही कुछ ऐसी बाते कहीं हैं, जो बताता है कि भारत की ग्रोथ स्टोरी आने वाले दिनों में भी बदस्तूर जारी रहेगी। एसएंडपी ने भारत के लिए विकास दर का अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए 6% पर बरकरार रखकर पूरा भरोसा जताया है। एसएंडपी ने ग्लोबल इकोनॉमी के धीमी होने, मानसून में उतार चढ़ाव और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी के पेंडिंग इफेक्ट का हवाला देते हुए अनुमान को 6 फीसदी पर बरकरार रखा है। उनका कहना है कि भारत की इकोनॉमी वित्त वर्ष 2025-26 के फाइनेंशियल ईयर में 6.9 फीसदी की दर से विकास गति हासिल करेगी और महंगाई के बात करें तो वो 4.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। ये भारत के लिए बहुत बड़ी बात है क्योंकि इतनी बड़ी ग्रोथ हासिल करना और महंगाई के आंकड़े को 5 फीसदी से कम रखना कोई मामूली बात नहीं है।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की इकोनॉमी को लेकर बुलिश है
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की इकोनॉमी को लेकर बुलिश है

एसएंडपी ने कहा कि जून तिमाही में भारत की कंजम्पशन ग्रोथ के साथ साथ कैपिटल एक्सपेंडिचर यानी पूंजीगत खर्च भी मजबूती पर रहा है। जो कि इस बात का इंडीकेशन है कि देश में खपत अपने पहले के स्तर पर लौट रही है और इसके आगे भी जा रही है। एसएंडपी ने सब्जियों की कीमत में आए भूचाल के बारे में भी जिक्र किया टमाटर के दाम और दूसरी सब्जियों के महंगे होने को अस्थायी माना है। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने ऊंची क्रूड ऑयल कीमतों पर रिटेल महंगाई दर के अनुमान को पहले के 5 फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया है। मूडीज ने साल 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को हाल ही में बढ़ाया है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस को लेकर कहा कि साल 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने वाली है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की इकोनॉमी को लेकर बुलिश है क्योंकि दुनिया में आर्थिक मंदी जैसे हालत है और वहीं  भारत इन सभी समस्या से दूर है और सभी देशों को पीछे छोड़ता हुआ लगातार आगे बढ़ रहा है।

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