
महंगाई दर 4.81% हुई, मई IIP बढ़कर 5.2% हुआ
जून महीने की फुटकर महंगाई 4.81% पर पहुंच गई है। मई महीने में ये 25 महीने के निचले स्तर 4.25% पर आ गई थी। जून महीने में सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण महंगाई बढ़ी है। असमान मानसूनी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है जिससे दाम बढ़े हैं।

बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से भारत की मुद्रास्फीति की दर में पिछले चार महीनों से जारी रूकावट थम गई और जून में रिटेल इनफ्लेशन 4.81% दर्ज की गई है। इसका मतलब ये भी है कि अब ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं होगी। मई में भारत की सीपीआई इनफ्लेशन रेट 4.31% थी।
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मानसून के कारण हुई बारिश ने खाद्य पदार्थों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है और माल की आवाजाही में बाधा उत्पन्न की है, जिसके बाद कुछ चीजों के दाम आश्चर्यजनक तौर पर आसमान में पहुंच गए हैं। कई राज्यों में टमाटर, मिर्च और प्याज के दामों में बढोतरी देखी गई है। आने वाले महीनों में खाद्य कीमतों पर दबाव बने रहने की संभावना है, जिससे निकट अवधि में मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक के 4% लक्ष्य पर लौटने की संभावना कम हो जाएगी। भारत में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक मई महीने में 5.2% बढ़ गया, जो अप्रैल में 4.2% और एक साल पहले 19.7% था।
