
क्या Mutual Funds इंडस्ट्री का सारा गणित बदल देगी Jio Financial ?
मुकेश अंबानी की ओर से ऐसा कदम उठाया गया है जिसके चलते भारत की फाइनेंशियल इंडस्ट्री की दुनिया में तहलका मचना तय है। दरअसल साल 2018 में भारत से बाहर निकलने के बाद अमेरिका की दिग्गज एसेज मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक फिर से भारत में एंट्री कर रही है।

Reliance Industries ने अपने फाइनेंशियल बिजनेस को अलग करके Jio Financial सर्विसेज का एलान क्या किया, बाजार में बड़े डिस्रप्शन पैदा होने के कयास लगाए जाने लगे। लेकिन अब Mukesh Ambani की ओर से ऐसा कदम उठाया गया है जिसके चलते भारत की फाइनेंशियल इंडस्ट्री की दुनिया में तहलका मचना तय है। दरअसल साल 2018 में भारत से बाहर निकलने के बाद अमेरिका की दिग्गज एसेज मैनेजमेंट कंपनी BlackRock फिर से भारत में एंट्री कर रही है।
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अब आप कहेंगे कि ब्लैकरॉक का रिलायंस से क्या संबंध हैं तो आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की फाइनेंशियल सर्विस यूनिट जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और अमेरिका की एसेज मैनेटमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के बीच करार हुआ है। इस समझौते के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच 50-50% की हिस्सेदारी के साथ ज्वाइंट वेंचर को लेकर करार हुआ है। कंपनी का नाम Jio Blackrock होगा। दोनों सहयोगी नई फर्म में मिलकर 15-15 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगी। अब आप सोच रहे होंगे कि रिलायंस जैसी कंपनी को किसी के साथ ज्वाइंट वेंचर की क्या जरूरत? तो इसका जवाब आप भी जानने के लिए आपको ब्लैकरॉक के बारे में जानना जरूरी है। ब्लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेज मैनेजमेंट कंपनी है। ब्लैकरॉक 11 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति संभालती है या फिर दूसरी तरीके से कहे तो दुनिया के फाइनेंशियल एसेट का 7% कंपनी के पास है। ये कंपनी अलग-अलग बीमा कंपनी, बैंक, पेंशन फंड और एसेट मैनजरों को कैपिटल देने के अलावा रिस्क मैनेजमेंट और डिजिटल सर्विस देती है।

यानि की हर लिहाज से ये कंपनी बहुत बड़ी है। अब ये भी जान लीजिए कि जियो फाइनेशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक दोनों को इस डील से कैसे फायदा होगा। ब्लैकरॉक के पास एसेट मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी में महारथ हासिल है। इस ज्वाइंट वेंचर से नई फर्म जियो ब्लैकरॉक के ग्राहकों को टेक इनेबल्ड, अफोर्डेबल इवेस्टमेंट सोल्यूशंस जैसी सुविधा मिलेगी। वहीं ब्लैकरॉक को जियो के घरेलू बाजार में पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। जिससे जियो ब्लैकरॉक को अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि साल 2006 में ब्लैकरॉक की भारत में एंट्री हुई थी। DSP फंड के साथ कंपनी ने साझेदारी की थी। जिसके बाद साल 2018 में ब्लैकरॉक ने भारत से दूरी बना ली थी, लेकिन 5 साल बाद ये कंपनी, रिलायंस के साथ मिलकर दोबारा से वापसी कर रही है। वहीं जियो फाइनेशियल सर्विसेज को बैठे बैठाए बड़ा साम्राज्य मिल रहा है। जिसमें 44 करोड़ टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स, 18,000 से ज्यादा रिलायंस रिटेल स्टोर और सालाना 78 करोड़ से ज्यादा फुटफॉल। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में मुकेश अंबानी इस इंडस्ट्री में कैसे तहलका मचाते हैं।
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