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भारत में सेमीकन्डक्टर क्रांति से चीन क्यों है परेशान ?

चीन के पेट में दर्द इसलिए भी हो रहा है क्योंकि अभी तक दुनिया के देश सेमीकंडक्टर के लिए चीन के दरवाजे पर आकर माथा टेकते रहे हैं। लेकिन आज वो ही कंपनियां भारत का दरवाजा खटखटा रही है और चीन चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा है वो लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डूबता जा रहा है। ऐसे में चीन के करोड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं और दूसरी ओर भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट में ढेरों नौकरियां आने वाली हैं।

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भारत बनने जा रहा सेमीकंडक्टर का हब
भारत बनने जा रहा सेमीकंडक्टर का हब

दुनिया के वो देश जो भारत के विकास से जलते हैं खासकर चीन, उस वक्त बहुत खुश हुआ जब Foxconn और Vedenta के बीच सेमीकंडक्टर डील टूटी। लेकिन भारत और खास कर पीएम Narendra Modi ने इस सपने को चकनाचूर नहीं होने दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा दांव चला, जिसके बाद चीन समेत वो देश टेंशन में आ गए हैं जो भारत से जलते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में अपना सेमीकॉन प्लान का एलान कर दिया है। इस मौके पर दुनिया एक से बढ़कर एक सेमीकंडक्टर कंपनियों ने भारत में अपने निवेश के बारे में जानकारी दी। जिसका मतलब साफ था कि भारत ने दुनिया को संकेत दे दिया कि आने वाले दिनों में वो दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर सप्लायर होने जा रहा है। इतना ही नहीं इस लड़ाई में अमेरिका समेत साउथ कोरिया और ताइवान भी भारत के साथ खड़े हैं।

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असली में चीन के पेट में दर्द इसलिए भी हो रहा है क्योंकि अभी तक दुनिया के देश सेमीकंडक्टर के लिए चीन के दरवाजे पर आकर माथा टेकते रहे हैं। लेकिन आज वो ही कंपनियां भारत का दरवाजा खटखटा रही है और चीन चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा है वो लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डूबता जा रहा है। ऐसे में चीन के करोड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं और दूसरी ओर भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट में ढेरों नौकरियां आने वाली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्त में भारत का सेमिकॉन मार्केट 23 बिलियन डॉलर का है, जिसके साल 2028 तक 80 बिलियन से 100 बिलियन डॉलर होने के आसार हैं। आइये जानते हैं कौन-कौन सी कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर के सपने को पूरा करने में मदद कर सकती हैं।

चीन लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डूबता जा रहा है
चीन लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डूबता जा रहा है

अमेरिकी सिलिकॉन पॉवर ग्रुप भारत के ओडिशा राज्य में 150 मिलीमीटर सिलिकॉन कार्बाइड, सेमीकंडक्टर कंपोनेंट बनाने की फैसिलिटी स्थापित करने के लिए 10 अरब रुपये का निवेश करेगा। ये निवेश ग्रुप की भारतीय यूनिट, IIR पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिए किया जाएगा और कंपनी ने अगले 18 से 24 महीनों में ऑपरेशनल करने का वादा किया है। अमेरिकी सेमीकंडक्टर टूल मेकर एप्लाइड मटेरियल्स भारत में एक नए इंजीनियरिंग सेंटर में 4 सालों में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। कंपनी ने कहा कि नया सेंटर बेंगलुरु में कंपनी की मौजूदा फैसिलिटी के पास होने की उम्मीद है। ताइवान की फॉक्सकॉन भी भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में निवेश करने का प्लान बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फॉक्सकॉन अगले 5 सालों में 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने का प्लान है। जिसमें तमिलनाडु में सेमीकंडक्टर पर 200 मिलियन डॉलर के निवेश का प्लान शामिल है। वेदांत ग्रुप सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के पहले फेज़ में करीब 41,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ग्रुप का कहना है कि आने वाले ढाई साल में कंपनी मेड-इन-इंडिया चिप के साथ तैयार करके दे देगी। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में भारत अपने सेमीकंडक्टर वाले दांव को कितनी तेजी से अमल में लाता है।

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