
तेल के खेल में Pakistan के साथ किसने कर दिया 'खेल'?
पाकिस्तान की रिफाइनीज में बिजनेस करने वालों ने दावा किया है कि रूस से आ रहे तेल की प्रोसेसिंग से उन्हें नुकसान हो रहा है। अरब के तेल के मुकाबले रूसी तेल से कम पेट्रोल निकल रहा है जबकि 20% ज्यादा फर्नेस ऑयल मिल रहा है। रूस से आए कच्चे तेल के दो जहाज 11 जून और 26 जून को कराची पोर्ट पर आए थे।

पूरी दुनिया ने देखा कि India ने कैसे Russia से बंपर कच्चा तेल खरीदा। जिसके बाद मानों Pakistan को ऐसी मिर्ची लगी कि उसने भी इस बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश की। लेकिन रूस ने पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए और उसके सस्ते क्रूड खरीदने के सपने पूरी तरह से चखनाचूर हो गए। पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाते हुए रूस से कच्चे तेल के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है। लेकिन सवाल उठता है कि पाकिस्तान ऐसा कदम उठाने पर मजबूर क्यों हुआ?
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भारत देश में रोजाना 20 लाख बैरल से ज्यादा कच्चा तेल रूस से आ रहा है। इसकी देखादेखी पाकिस्तान ने रूस से तेल खरीदना शुरू किया। लेकिन पाकिस्तान के मुताबिक रूस ने दो शिपमेंट में घटिया क्वालिटी का कच्चा तेल दिया है। ये तेल इतना घटिया है कि पाकिस्तान की रिफाइनरीज ने रूसी तेल को प्रोसेस करने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने रूस से तेल तो लिया लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं दिया। उल्टे हाल में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। पाकिस्तान की रिफाइनीज में बिजनेस करने वालों ने दावा किया है कि रूस से आ रहे तेल की प्रोसेसिंग से उन्हें नुकसान हो रहा है। अरब के तेल के मुकाबले रूसी तेल से कम पेट्रोल निकल रहा है जबकि 20% ज्यादा फर्नेस ऑयल मिल रहा है। रूस से आए कच्चे तेल के दो जहाज 11 जून और 26 जून को कराची पोर्ट पर आए थे। पहले शिपमेंट में 45,000 टन और दूसरे में 56,000 टन कच्चा तेल भरा था। इसके बाद से रूस से तेल लेकर कोई भी जहाज पाकिस्तान नहीं आया है। अब पाकिस्तान को अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है।

लेकिन इस कहानी में एक और एंगल है। दरअसल पाकिस्तान ने रूस से तेल खरीदने के लिए गवर्मेंट टू गवर्मेंट मैकेनिज्म बनाया था। पेमेंट और शिपमेंट को हैंडल करने के लिए पाकिस्तान के स्पेशल पर्पज वीकल बनाना था। लेकिन पाकिस्तान इसमें देरी कर रहा था। जुलाई में रूस का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भी आया था। लेकिन भारत की तरह पाकिस्तान को रूस से खास डिस्काउंट नहीं मिल। इस बीच खबर ये भी आई कि पाकिस्तान यूक्रेन को डिफेंस सप्लाई कर रहा है।

जिसके बाद खबरें आईं कि रूस, पाकिस्तान की इस हरकत से काफी नाराज भी हुआ। हम सब जानते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत को रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा था। हाल के दिनों में रूसी तेल पर मिल रहा डिस्काउंट काफी कम हो गया है। इसके बावजूद भारत ने रूस से तेल इंपोर्ट करना कम नहीं किया है। भारतीय खरीदारों का साफ तौर पर कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले रूस का तेल आज भी उन्हें सस्ता पड़ रहा है। जब पाकिस्तान की सरकार ने रूस के साथ तेल डील को अंजाम दिया था तो इसका पूरा आवाम से सामने महिमामंडन किया था, लेकिन अब जो हुआ है सरकार ने चुप्पी साध ली है।