
भारत के ऑयल इंपोर्ट से सुधर गई रूस की इकोनॉमी
आज भी भारत का सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से आ रहा है। रूस से रोजाना 20 लाख बैरल से ज्यादा तेल भारत आ रहा है। एक समय पर रूस भारतीय कंपनियों को तगड़ी छूट दे रहा था। हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है लेकिन भारत का कहना है कि वह रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखेगा।

भारत हमेशा से अपने दोस्तों का साथ बुरे वक्त में निभाता आया है। एक बार फिर भारत की दोस्ती सहारे रूस ने कुछ ऐसा किया है, जिससे न सिर्फ Vladimir Putin बल्कि पूरी रूसी जनता खुशी के मारे फूली नहीं समा रही है। प्रधानमंत्री Narendra Modi की दोस्ती के बलबूते पुतिन ने अमेरिका और यूरोप की पूरी बाजी को पलटकर रख दी है। जैसा कि हम देख रहे हैं रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से भी ज्यादा के वक्त से जंग चल रही है। ऐसे में जंग से सिर्फ जान-माल का नुकसान ही नहीं होता बल्कि आर्थिक तबाही भी आती है। उम्मीद की जा रही थी कि रूस पर लगाए प्रतिबंधों से देश की आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप हो जाएगी लेकिन हो गया इसका उलट। आंकड़ों से समझें तो इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में रूस की इकोनॉमी 4.9% बढ़ी है। एक साल में रूस की इकॉनमी में पहली बार अच्छी खासी तेजी देखी गई है। पिछले चार क्वार्टर में देश की इकोनॉमी में गिरावट देखने को मिली थी। इस साल की पहली तिमाही में रूस की GDP में 1.9% की गिरावट आई थी। वहीं पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में देश की GDP में 4.5% की गिरावट आई थी। पिछले साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो रूस की GDP में भारी गिरावट देखने को मिली थी।
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यानि कि दूसरी तिमाही में रूस की इकोनॉमी में शानदार तेजी लौटी है। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है और इसमें भारत का क्या योगदान है? लेकिन उससे पहले जानते हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश के संबोधन में क्या कहा? पुतिन ने कहा कि हमने देश की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ ही अपने लोगों को बचाया है। पश्चिमी देश रूस के समाज को तोड़ने में नाकाम रहे। अब आपको बताते हैं कि पश्चिमी देशों की पाबंदियों के बावजूद रूस की इकॉनमी कैसे मजबूत बनी। इसकी सबसे बड़ी वजह है भारत, जब रूस से बिजनेस करने से ज्यादातर देशों ने मना कर दिया था तब भारत ही था जो रूस की मदद के लिए आगे आया था। जिसके बाद रूस को तुर्की और चीन जैसे खरीदार भी मिल गए। आज भी भारत का सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से आ रहा है। रूस से रोजाना 20 लाख बैरल से ज्यादा तेल भारत आ रहा है। एक समय पर रूस भारतीय कंपनियों को तगड़ी छूट दे रहा था। हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है लेकिन भारत का कहना है कि वह रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखेगा। इसके साथ ही आर्म्स इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर ने भी रूस की इकॉनमी को नीचे नहीं आने दिया। पुतिन ने दावा किया था कि जून 2023 तक रूस 6 करोड़ टन अनाज का एक्सपोर्ट करेगा।

इन आंकड़ों से पिक्चर एक दम साफ है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर रूस पर खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल तक रूस की इकोनॉमी प्री-वॉर लेवल तक पहुंच सकती है। जैसा कि हम जानते हैं कि रूस ने पिछले साल फरवरी में जब यूक्रेन पर हमला किया था तो पश्चिमी देशों ने उस पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने कहा था कि इससे रूस की इकॉनमी बर्बाद हो जाएगी। लेकिन रूस ने भारत की मदद से उन्हें गलत साबित कर दिया है।