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Sam Pitroda के 'विरासत टैक्स' के बयान पर जंग, समझिए देश में क्या कहते हैं टैक्स नियम

भारत में विरासत टैक्स नहीं है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके परिवार को संपत्ति विरासत में मिलती है तो वो कोई टैक्स देने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। जब वो संपत्ति बेचते हैं तो उन पर उसी प्रकार से टैक्स लगेगा जैसे कि मूल मालिक पर टैक्स लगाया जाता है।

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा

चुनावों के बीच एक दिलचस्प बहस छिड़ गई है। ये मुद्दा सीधा आपसे आपकी  संपत्ति से जुड़ा हुआ है। देश भर में ब हस भले ही पॉलिटिकल चल रही हो, लेकिन इसकी जड़े आपकी आर्थिक सुरक्षा से जुड़ी हैं। कांग्रस नेता Sam Pitroda का एक बयान बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने एक टैक्स का जिक्र किया है। जिसको लेकर चर्चा बहुत गरम हो गई है। आपको पहले थोड़ा पीछे ले चलते हैं। PM Modi ने हाल में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि Congress सत्ता में आए तो महिलाओं का मंगलसूत्र तक नहीं बचेगा। वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। प्रधानमंत्री के इस बयान को कांग्रस नेता सैम पित्रोदा ने अपने बयान से और हवा दे दी है और इस बयान पर घमासान मच गया है। आइये जानते हैं इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने क्या कहा?

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सैम पित्रोदा

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता है सैम पित्रोदा। उन्होंने भारत में अमीरों की दौलत को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है। सैम पित्रोदा ने America के शिकागो में कहा है कि, अमेरिका में विरासत पर टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वो मर जाता है तो वो सिर्फ 45% अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है। 55% सरकार के जरिए हड़प या उनके पास चली जाती है। ये एक दिलचस्प कानून है। ये कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। सैम पित्रोदा ने कहा कि ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है। सैम ने आगे कहा कि हालांकि भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता... इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के रीडिस्ट्रीब्यूशन के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि सिर्फ अति-अमीरों के हित में।

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बवाल

इसी बात पर बवाल मच गया है और कांग्रेस की ओर से इस बयान से पलड़ा झाल लिया गया है। उनका कहना है कि सैम पित्रोदा का ये व्यक्तिगत बयान है, इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इस बयान को कांग्रेस ने लपक लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।

व‍िरासत टैक्‍स क्‍या है?

अब यहां पर सवाल उठता है कि व‍िरासत टैक्‍स क्‍या है? इसके लिए बिजनेस टुडे बाजार ने बात की गौर चड्ढा से। उनका कहना है कि विरासत टैक्स को Inheritance Tax कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति को किसी मृत व्यक्ति से धन या संपत्ति विरासत में मिलती है, तो कुछ देशों में उस व्यक्ति को सरकार को कुछ टैक्स देना पड़ता है जो लाभार्थी के मृतक के साथ संबंध पर निर्भर करता है और छूट की राशि भी होती है। विरासत कर का मकसद सरकार के लिए राजस्व पैदा करना और कम संख्या में परिवारों के बीच वेल्थ के जमाव को रोकना है।

क्या ये टैक्स भारत में लागू है?

भारत में विरासत टैक्स नहीं है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके परिवार को संपत्ति विरासत में मिलती है तो वो कोई टैक्स देने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। जब वो संपत्ति बेचते हैं तो उन पर उसी प्रकार से टैक्स लगेगा जैसे कि मूल मालिक पर टैक्स लगाया जाता है। साथ ही प्राप्त कोई भी नकदी पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। इसलिए भारत में किसी भी व्यक्ति के जरिए वसीयत या विरासत के तहत प्राप्त कोई भी राशि धारा 56(2)(X) के मुताबिक पूरी तरह से छूट प्राप्त है। साथ ही 1 अप्रैल 2016 से संपत्ति कर भी खत्म कर दिया गया है।

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