Tata असम में बनाएगा रोज 4.8 करोड़ सेमी-कंडक्टर, 28 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
भारत को सेमीकंडक्टर जाइंट बनने के लिए और चीन को टक्कर देने के लिए भारत को और ज्यादा इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

भारत ने पिछले कुछ समय में सेमीकंडक्टर का नाम खूब सामने आ रहा है। सेमीकंडक्टर के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम भी बढ़ाए जा रहे हैं। भारत को सेमीकंडक्टर जाइंट बनने के लिए और चीन को टक्कर देने के लिए भारत को और ज्यादा इस दिशा में काम करने की जरूरत है। इसी रफ्तार को पकड़ते हुए भारत ने एक कदम उठाया और इसमें मदद Tata Group ने की है क्या है वो मदद? चलिए समझते हैं।
Tata Group ने असम में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट फैसिलिटी का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया है। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि असम में टाटा ग्रुप का सेमीकंडक्टर प्लांट एक दिन में 4.83 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स का प्रोडक्शन करेगा। ये प्लांट चालू होने पर 15,000 डायरेक्ट और 13,000 तक इनडायरेक्ट रोजगार पैदा करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि सेमीकंडक्टर यूनिट देश में विकसित सेमीकंडक्टर पैकेजिंग टेक्नोलॉजी के विकास की एक साइट होगी, जिसमें वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप और आई-एसआईपी टेक्नोलॉजीज शामिल हैं। मंत्री जी के अनुसार, यह टेक्नोलॉजी ऑटोमोबाइल (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), संचार, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर आदि जैसे प्रमुख एप्लीकेशन के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
देश भर के 113 संस्थानों में से 9 पूर्वोत्तर में स्थित है, जहां बीटेक, एमटेक और पीएचडी स्तर पर लगभग 85,000 इंडस्ट्री रेडी वर्कफोर्स को सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में ट्रेंड किया जा रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर जोर दिया है और इस फैसिलिटी के निर्माण की शुरुआत के साथ असम में एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल किया जा रहा है। सरकार के अनुसार, असम प्लांट 27,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्थापित किया जाएगा और इससे 15,000 डायरेक्ट और 11,000-13,000 इनडायरेक्ट रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को एक फाउंडेशन इंडस्ट्री के रूप में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे इंडस्ट्रीज में कई स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।