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रूस ने दिया अब भारत को सस्ते तेल का ऑफर

तेल के डिमांड में आई कमी की वजह से खाड़ी देशों को भी अपने तेल के दामों में कटौती करनी पड़ी है। सऊदी अरब ने एशियाई देशों को दिए जाने वाले तेल के दाम में कटौती की है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का दोस्‍त रूस, भारत को तेल पर दी जाने वाली छूट को लगभग दोगुना करने जा रहा है
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का दोस्‍त रूस, भारत को तेल पर दी जाने वाली छूट को लगभग दोगुना करने जा रहा है

पिछले कुछ दिन पहले हमने आपके साथ एक रिपोर्ट साझा की थी कि जिसमें बताया गया था कि भारत ने रूस से अपनी तेल पर निर्भरता को कम करते हुए खाड़ी देशों से तेल के इंपोर्ट को बढ़ा दिया था। जिससे रूस को झटका लगा था। यहां तक के रूस से भारत को तेल एक्सपोर्ट नवंबर महीने में पूरे साल का सबसे कम हुआ है। लेकिन अब रूस कुछ ऐसा फैसला लेने जा रहा है। जिससे भारत की बल्ले-बल्ले होगी ही, रूस को भी फायदा होगा। रूस के इस फैसले से भारत को अरबों डॉलर का फायदा हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का दोस्‍त रूस, भारत को तेल पर दी जाने वाली छूट को लगभग दोगुना करने जा रहा है। रूस अभी भारत को एक बैरल तेल पर 4 से 6 डॉलर की छूट दे रहा है जो जल्‍द ही अब बढ़कर 10 से 12 डॉलर तक पहुंच सकती है। रूस के दोगुना छूट दिए जाने के बाद अब भारत की तेल कंपनियां मास्‍को से तेल की खरीद को काफी ज्‍यादा बढ़ा सकती हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि जो रूस 4 से 6 डॉलर की छूट भारत को दे रहा है वो अचानक इस रियायत को डबल करने क्यों जा रहा है। तो इसका जवाब है कि दुनियाभर में तेल का इंपोर्ट घट रहा है और यही वजह है कि तेल एक्सपोर्टर देशों को अपने ऑफर को आकर्षक बनाना पड़ रहा है। यानि डिमांड पहले से ही कम है और कम न हो जाए इसलिए सस्ती दरों पर तेल बेचने की योजना है। यही वजह है कि रूस को भी दोस्‍त भारत के लिए अपने तेल के ऑफर को आकर्षक बनाने के लिए दामों में छूट देनी पड़ रही है। भारत ने पिछले दो साल में रूस से जमकर तेल खरीदा है और पुतिन चाहते हैं कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच भारत उनके देश से तेल खरीदता रहे।

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अगर मौजूदा आंकड़ों को देखें तो रूस से भारत को तेल एक्सपोर्ट नवंबर महीने में पूरे साल का सबसे कम हुआ है। भारत ने रूस से मात्र 13 लाख बैरल तेल ही खरीदा है। इसके विपरीत रूस ने जब सब्सिडी को घटाई तो भारत ने UAE के साथ अपने तेल के इंपोर्ट को बढ़ा दिया था। भारत के इस कदम के बाद अब रूस को एक बार फिर से अपने दामों में कटौती करनी पड़ी है। सितंबर महीने में भारत ने 42 करोड़ 90 लाख डॉलर रूस से तेल खरीदकर बचाए थे। तेल के डिमांड में आई कमी की वजह से खाड़ी देशों को भी अपने तेल के दामों में कटौती करनी पड़ी है। सऊदी अरब ने एशियाई देशों को दिए जाने वाले तेल के दाम में कटौती की है। पिछले सात महीने में ऐसा पहली बार हुआ। इसके अलावा इराक ने भी तेल के दाम में कमी की है। अमेरिका अपने खाली पड़े रिजर्व को नहीं भर रहा है और ठंड की वजह से दुनिया में तेल के डिमांड में भारी कमी आई है। माना जा रहा है कि ये छूट और भी बढ़ सकता है।