रेलवे ने वेटिंग टिकटों से कमाएं करोड़ों, एयरलाइंस भी कैंसिल टिकटों से कमाती हैं करोड़ों रूपए, आम आदमी क्या करें?
भारतीय रेल ने वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसिलेशन से मोटी कमाई की है। आंकड़े इसके गवाह हैं। साल 2021 से लेकर जनवरी 2024 के दौरान रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट कैंसिलेशन से कुल 1229.85 करोड़ रुपये कमाए हैं।

आज हम बात करेंगे एक ऐसे मुददे की जो आपसे जुड़ा है, कई बार आप टिकट बुक कराते होंगे, लेकिन अक्सर आपकी किन्हीं कारणों से यात्रा रद्द भी करनी पड़ जाती है, लेकिन जो आपको रिफंड मिलता है वो काफी कम होता है। अभी जो जानकारी सामने आई है वो आपको चौंका देगी। दरअसल भारतीय रेल ने वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसिलेशन से मोटी कमाई की है। आंकड़े इसके गवाह हैं। साल 2021 से लेकर जनवरी 2024 के दौरान रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट कैंसिलेशन से कुल 1229.85 करोड़ रुपये कमाए हैं। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है। आंकड़ों से यह बात भी पता चली है कि इस मद में रेलवे की कमाई हर साल बढ़ती जा रही है। साल 2021 में रेलवे ने करीब 2.53 करोड़ वेटिंग टिकट के कैंसिल होने पर 242.68 करोड़ रुपये कमाए। इसी तरह, साल 2022 में 4.6 करोड़ ऐसे टिकट कैंसिल हुए जिससे दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ता को 439.16 करोड़ रुपये की इनकम हुई है।
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लेकिन बात अकेले रेलवे तक नहीं है, अक्सर जब आप एयरलाइंस की टिकट बुक करते हैं तो एयरलाइंस में आपको रिफंड इतना कम मिलता है कि आप सोच भी नहीं सकते...क्योंकि अक्सर एयरलाइंस 90 परसेंट तक चार्ज काट लेती हैं।
एयरलाइंस अपनी वेबसाइट पर कैंसिलेशन चार्ज और नियमों का उल्लेख रहता है। कुछ एयरलाइंस की वेबसाइटों को हम खंगाला और जानने की कोशिश की कैंसिलेशन चार्ज कितने हैं। जानकारी के मुताबिक डिपार्चर से 0 से 3 दिन पहले टिकट कैंसिल कराने पर 3500 रुपये का कैंसिलेशन चार्ज कटता है। जबकि डिपार्चर से 4 या ज्यादा दिन पहले कैंसिल करने पर 3000 रुपये कैंसिलेशन चार्ज या एयरफेयर जो भी कम हो वो आपके टिकट से कट जाएगा। लेकिन इसमें एक पेंच है। दरअसल एयरलाइंस कंपनियों काफी टिकटों को प्रमोशनल फेयर के नाम पर बेचती हैं और दावा करती है कि ये नॉन रिफेंडेबल हैं और यही वजह है कि जो आपको पैसा मिलता है वो बेहद कम होता है।