
Israel-Hamas War: क्या इज़रायल से आईटी कंपनियां समेटेंगी अपना बोरिया-बिस्तर?
इजराइल आईटी कंपनियों के साइबर सुरक्षा का एक मेन केंद्र है और अमेरिका और यूरोप के अलावा, भारत दूसरा देश है जो इस तरह के काम के लिए किसी से कम नहीं है। भारत के लिए एक अच्छा मौका है अगर इजराइल में ऐसी परस्थिति बनी रहती है तो भारतीय आईटी सेक्टर को अपना रेवेन्यू बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी।

जंग किस भी मसले का हल नहीं है और इससे कई देश का बिजनेस का सिस्टम खतरे में आ जाता है और फिर कंपनियां उस देश से बोरिया-बिस्तरा समेटने लग जाती है। ये स्थिति इजराइल के सामने पैदा हो गई है। Israel-Hamas की जंग जारी है। इससे अब तक दोनों साइड को काफी नुकसान हो चुका है। इस जंग से जाहिर सी बात है वहां की कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है दुनिया की कई विकसित और विकासशील दोशों की IT company इजराइल में मौजूद है। अगर ये जंग लंबी चलती है तो, ये आईटी कंपनिया दूसरे देशों का रुख कर सकती है। भारत उनकी पहली पसंद है। जंग की स्थिति में भारत के लिए एक बड़ा अवसर पैदा हुआ है। मिडिया रिपोर्टस के मुताबिक इजरायल-हमास संघर्ष बढ़ता है तो इजरायल में कारोबार करने वाली कंपनियां भारत और दूसरे देशों में अपनी मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट और ऑफिस को शिफ्ट कर सकती है। रिपोर्टस् में कहा गया है भारत TCS और Wipro जैसी भारतीय कंपनियां भी इजराइल से सिफ्ट हो कर भारत में लौट सक्ती है। ये तो हुई भारतीय कंपनियों की बात ग्लोबल दिग्गज कंपनिया जैसे Intel, Microsoft और Google सहित 500 से अधिक कंपनियों के ऑफिस इजराइल में हैं - उनमें से कुछ GCCs और R&D कंपनिया हैं। इन कंपनियों में 1 लाख लोग काम करते है। विशेषज्ञों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ये कंपनिया भारत और गल्फ देशों और पूर्वी यूरोप जैसे देशों में जाने पर भी ध्यान दे सकती हैं।
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इजराइल आईटी कंपनियों के साइबर सुरक्षा का एक मेन केंद्र है और अमेरिका और यूरोप के अलावा, भारत दूसरा देश है जो इस तरह के काम के लिए किसी से कम नहीं है। भारत के लिए एक अच्छा मौका है अगर इजराइल में ऐसी परस्थिति बनी रहती है तो भारतीय आईटी सेक्टर को अपना रेवेन्यू बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी। गूगल के सीईओ Sundar Pichai ने मंगलवार को ट्वीट किया कि कंपनी के इजराइल में दो ऑफिस में डिवाइड है 2,000 से अधिक कर्मचारी हैं। शनिवार से हमारा सारा ध्यान कर्मचारी सुरक्षा पर रहा है। हमने अब अपने सभी स्थानीय कर्मचारियों से संपर्क कर लिया है। कई भारतीय कंपनियां जैसे टीसिएस विप्रो एचसिएल ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रहने को कहा है और वर्क फ्रॉम होम करने के निर्देश दिये है। ये टेक जाइंट कंपनियां सेमिकंडक्टर चीप , इलेक्ट्रनोकि और सफ्टवेयर बनाती है। ऐसी स्थिति में बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां भारत में जा सकती है। मिडिया रिपोर्टस के मुताबिक इजरायल-हमास संघर्ष बढ़ता है तो इजरायल में कारोबार करने वाली कंपनियां भारत और दूसरे देशों में अपनी मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट और ऑफिस को शिफ्ट कर सकती है। रिपोर्टस् में कहा गया है भारत टीसीएस और विप्रो जैसी भारतीय कंपनियां भी इजराइस से सिफ्ट हो कर भारत में लोट सक्ती है। ये तो हुई भारतीय कंपनियों की बात ग्लोबल दिग्गज कंपनिया जैसे इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल सहित 500 से अधिक कंपनियों के ऑफिस इजराइल में हैं - उनमें से कुछ GCCs और R&D कंपनिया हैं। इन कंपनियों में 1 लाख लोग काम करते है। विशेषज्ञों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ये कंपनिया भारत और गल्फ देशों और पूर्वी यूरोप जैसे देशों में जाने पर भी ध्यान दे सकती हैं।
इजराइल आईटी कंपनियों के साइबर सुरक्षा का एक मेन केंद्र है और अमेरिका और यूरोप के अलावा, भारत दूसरा देश है जो इस तरह के काम के लिए किसी से कम नहीं है। भारत के लिए एक अच्छा मौका है अगर इजराइल में ऐसी परस्थिति बनी रहती है तो भारतीय आईटी सेक्टर को अपना रेवेन्यू बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार को ट्वीट किया कि कंपनी के इजराइल में दो ऑफिस में डिवाइड है 2,000 से अधिक कर्मचारी हैं। शनिवार से हमारा सारा ध्यान कर्मचारी सुरक्षा पर रहा है। हमने अब अपने सभी स्थानीय कर्मचारियों से संपर्क कर लिया है। कई भारतीय कंपनियां जैसे टीसिएस विप्रो एचसिएल ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रहने को कहा है और वर्क फ्रॉम होम करने के निर्देश दिये है। ये टेक जाइंट कंपनियां सेमिकंडक्टर चीप , इलेक्ट्रनोकि और सफ्टवेयर बनाती है। ऐसी स्थिति में बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां भारत में जा सकती है।
