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SBI के इस नए नियम से करोड़ों खाताधारकों को झटका! जल्दी चेक करें कहीं आप पर तो असर नहीं पड़ा?

अगर आपका सेविंग अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में है और आप बैंक की ऑटो स्वीप डिपॉजिट स्कीम का फायदा ले रहे हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है।

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SBI Auto Sweep Deposit Limit: अगर आपका सेविंग अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में है और आप बैंक की ऑटो स्वीप डिपॉजिट स्कीम का फायदा ले रहे हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। SBI ने इस स्कीम में बड़ा बदलाव किया है, जिससे छोटे सेविंग अकाउंट होल्डर्स को अब इसका लाभ मिलना मुश्किल हो जाएगा।

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अब से SBI की ऑटो स्वीप स्कीम, जिसे मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (MODS) भी कहा जाता है, सिर्फ उन्हीं खातों पर लागू होगी जिनमें ₹50,000 से ज्यादा बैलेंस होगा। पहले ये सीमा ₹35,000 थी। 1 सितंबर 2025 से, ऑटो स्वीप शुरू करने के लिए सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट अमाउंट की लिमिट 15,000 रुपये बढ़ा दी गई है।

क्या होती है ऑटो स्वीप स्कीम?

ऑटो स्वीप एक ऐसी बैंकिंग सुविधा है, जो आपके सेविंग अकाउंट और FD को लिंक करती है। जब आपके खाते में बैलेंस एक तय सीमा से ज्यादा हो जाता है, तो वो अतिरिक्त पैसा अपने आप फिक्स्ड डिपॉजिट में चला जाता है, जिससे आपको ज्यादा ब्याज मिलता है। और जब जरूरत पड़े तो वही पैसा वापस सेविंग अकाउंट में आ जाता है।

SBI की MODS स्कीम कैसे काम करती है?

इस स्कीम में सेविंग अकाउंट में जब तय लिमिट से ज्यादा पैसा होता है, तो SBI उस अतिरिक्त रकम को FD में बदल देता है। और अगर आपके खाते से कोई पेमेंट होता है और बैलेंस कम पड़ता है, तो बैंक रिवर्स स्वीप करके FD से पैसे निकालकर आपकी जरूरत पूरी कर देता है।

इस तरह आपको एक तरफ तो FD का ब्याज मिलता है, और दूसरी ओर आपकी जरूरत पड़ने पर पैसा तुरंत उपलब्ध भी रहता है।

बैंक ने अब 50,000 की लिमिट क्यों रखी?

SBI का कहना है कि ऑटो स्वीप स्कीम का मकसद है कि ग्राहक अपनी अतिरिक्त रकम पर बेहतर ब्याज कमा सकें। अब लिमिट को ₹50,000 करने का मतलब है कि सिर्फ वही लोग इस सुविधा का लाभ ले सकें जिनके पास अच्छा-खासा बैलेंस है। इससे स्कीम को और फोकस्ड और मैनेजेबल बनाया जा सकेगा।

नाबालिग के नाम पर भी MOD अकाउंट!

SBI की ये स्कीम सिर्फ पर्सनल अकाउंट तक सीमित नहीं है। आप इसे सिंगल, ज्वाइंट या यहां तक कि किसी नाबालिग के नाम पर भी खोल सकते हैं। FD की न्यूनतम अवधि 1 साल होती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे समय से पहले तोड़ा भी जा सकता है जिसके लिए आपको थोड़ा सा पेनल्टी चार्ज देना होगा।

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SBI की यह नई सीमा उन लोगों के लिए चुनौती हो सकती है जिनका सेविंग बैलेंस ₹50,000 से कम रहता है। हालांकि, जिनके पास पर्याप्त बैलेंस है, उनके लिए यह स्कीम अब भी बेहतर रिटर्न और लिक्विडिटी का अच्छा कॉम्बिनेशन है।