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सस्ती हाउसिंग की सबसे बड़ी रुकावट खुद सरकार! घर की कीमत का ले रही 50% हिस्सा - टाटा रियल्टी के सीईओ का बड़ा बयान

टाटा ग्रुप की रियल एस्टेट आर्म टाटा रियल्टी (Tata Realty) के एमडी और सीईओ संजय दत्त का कहना है कि भारत में सस्ते घरों की सबसे बड़ी रुकावट सिर्फ बिल्डर या कंस्ट्रक्शन कॉस्ट नहीं है, बल्कि खुद सरकार है।

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टाटा ग्रुप की रियल एस्टेट आर्म टाटा रियल्टी (Tata Realty) के एमडी और सीईओ संजय दत्त का कहना है कि भारत में सस्ते घरों की सबसे बड़ी रुकावट सिर्फ बिल्डर या कंस्ट्रक्शन कॉस्ट नहीं है, बल्कि खुद सरकार है। उन्होंने India Today South Conclave में कहा कि किसी भी प्रॉपर्टी की कीमत का लगभग 50% हिस्सा सीधा सरकार के टैक्स और चार्जेस में चला जाता है, जिससे सस्ती हाउसिंग की संभावना कम हो जाती है।

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संजय दत्त ने बताया कि सरकार लगभग 50% हिस्सा टैक्स के रूप में ले लेती है। तो अगर सस्ती हाउसिंग चाहिए, तो सबसे पहले इस टैक्स स्ट्रक्चर को ठीक करना होगा। उन्होंने कहा कि GST के अलावा भी कई छिपे हुए टैक्स और शुल्क होते हैं, जो मकान की कुल लागत बढ़ा देते हैं।

हालांकि अंडर-कंस्ट्रक्शन अफोर्डेबल हाउसिंग पर GST सिर्फ 1% और दूसरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर 5% है, लेकिन असली खर्च वहीं से शुरू होता है। इसके अलावा खरीदारों को स्टांप ड्यूटी (5-8%), रजिस्ट्रेशन फीस, म्युनिसिपल चार्ज, डेवलपमेंट सेस, और अतिरिक्त फ्लोर एरिया के लिए प्रीमियम भी देना होता है।

इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, जब इन सबके साथ लैंड प्रीमियम, अप्रूवल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर फीस और कंप्लायंस कॉस्ट जोड़ दी जाती है, तो सरकारी हिस्सेदारी 30% से 50% तक पहुंच जाती है, खासकर शहरी इलाकों में।

संजय दत्त ने जमीन की ऊंची कीमत को भी बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि मेट्रो शहरों में प्रोजेक्ट कॉस्ट का 50% से 85% तक हिस्सा सिर्फ जमीन पर खर्च हो जाता है। जबकि रेलवे, डिफेंस, पोर्ट ट्रस्ट और नगर निगमों के पास बहुत सारी खाली जमीन पड़ी है जिसे सस्ती हाउसिंग के लिए खोला जा सकता है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि इन जमीनों का मोनेटाइजेशन कर, सस्ते दाम पर प्राइवेट डेवलपर्स को दी जाए, और टैक्स में छूट देकर अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा दिया जाए।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि महंगा फाइनेंस और कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर भी इस सेक्टर को पीछे खींच रहे हैं। संजय दत्त ने सरकार से सवाल पूछा की अगर लोग शहर से 50 किलोमीटर दूर जाकर घर लेंगे, लेकिन ऑफिस पहुंचने का कोई तरीका नहीं होगा, तो उसका क्या फायदा?

आखिर में संजय दत्त ने साफ कहा कि जब तक सरकार जमीन को सस्ता नहीं करती और टैक्स स्ट्रक्चर को आसान नहीं बनाती, तब तक भारत में सस्ती हाउसिंग एक सपना ही बनी रहेगी।