नोएडा में आपका भी फ्लैट है? फटाफट बेच कर भाग जाएं - फिनफ्लुएंसर ने यूपी सरकार के नए कानून के बाद दी चेतावनी
फिनफ्लुएंसर का यह कमेंट उत्तर प्रदेश सरकार की उन योजनाओं के बीच आया है जिनमें ग्राउंड कवरेज लिमिट खत्म करने और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बढ़ाने का प्रस्ताव है। इससे बिल्डिंग्स और ऊँची बनेंगी और एक ही जमीन पर ज्यादा फ्लैट्स बनाए जा सकेंगे।

फिनफ्लुएंसर अक्षत श्रीवास्तव ने कहा कि जिन लोगों ने नोएडा या गुरुग्राम में फ्लैट इन्वेस्टमेंट के तौर पर खरीदे हैं, उनके लिए आने वाले दिन मुश्किल हो सकते हैं। उनका यह कमेंट उत्तर प्रदेश सरकार की उन योजनाओं के बीच आया है जिनमें ग्राउंड कवरेज लिमिट खत्म करने और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बढ़ाने का प्रस्ताव है। इससे बिल्डिंग्स और ऊँची बनेंगी और एक ही जमीन पर ज्यादा फ्लैट्स बनाए जा सकेंगे।
अक्षत ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि ऊंची इमारतें = ज्यादा सप्लाई। ज्यादा सप्लाई = मौजूदा यूनिट्स बेचने में मुश्किल। ज्यादा सप्लाई का मतलब है मौजूदा (और बेहद खराब) इंफ्रास्ट्रक्चर पर और दबाव। अगर आपने नोएडा/गुरुग्राम में फ्लैट निवेश के लिए खरीदा है, तो बेच दें और भाग जाएं। कठिन समय आने वाला है। बस आप अभी देख नहीं पा रहे हैं।
सरकार का मकसद
नए कॉमन बिल्डिंग बाइलॉज का उद्देश्य निर्माण नियमों को एकीकृत और सरल बनाना, निवेश को प्रोत्साहित करना और अलग-अलग अथॉरिटी के नियमों से पैदा भ्रम को खत्म करना है। यह ड्राफ्ट गुजरात और सिंगापुर जैसे मॉडल पर आधारित है और इसे आगे की समीक्षा के लिए Invest UP को भेजा गया है।
नए कानून में क्या बदलाव?
- बिल्डिंग की ऊंचाई पर रोक हटेगी (सिर्फ एयरपोर्ट और हेरिटेज साइट्स को छोड़कर)
- पार्किंग और लैंडस्केप की जरूरतें कम होंगी
- सेटबैक (बिल्डिंग के चारों ओर खुला एरिया) को 3-9 मीटर तक स्टैंडर्ड किया जाएगा
FAR (जमीन पर बनने वाली कुल फ्लोर एरिया) भी बढ़ेगी जिसमें:
- इंडस्ट्रीज के लिए 3 तक
- ग्रुप हाउसिंग के लिए 3.5
- इंस्टीट्यूशनल के लिए 3
- कमर्शियल के लिए 4 तक
इससे एक ही प्लॉट पर ज्यादा फ्लैट बनाए जा सकेंगे, जिससे डेंसिटी बढ़ेगा, और डेवलपर्स को सस्ता और जल्दी अप्रूवल मिलेगा पर अक्षत का मानना है कि ये बदलाव मौजूदा फ्लैट मालिकों के लिए फायदेमंद नहीं, बल्कि उनके लिए मुसीबत ला सकते हैं।