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"भारत का अखरोट और ड्राई फ्रूट्स बाजार, शुरुआती चरण, लेकिन दुनिया में बढ़ती पहचान"

रूस-यूक्रेन युद्ध और सप्लाई चेन की रुकावटों के बावजूद, भारतीय बाजार में ड्राई फ्रूट्स की मांग बढ़ रही है। अनुमानों के अनुसार, 2030 तक भारत का बाजार दोगुना होकर लगभग 12 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, जिसमें साल दर साल 18% की ग्रोथ दर्ज की जाएगी। यह संकेत हैं कि भारतीय अखरोट और ड्राई फ्रूट्स बाजार का भविष्य उज्जवल है। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते इस बाजार की वैल्यू 6 बिलियन डॉलर से अधिक है।

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अखरोट और ड्राई फूट्स (सूखे मेवों) की खपत भारत में अप्रत्याशित तरीके से बहुत ज्यादा बढ़ गई है
अखरोट और ड्राई फूट्स (सूखे मेवों) की खपत भारत में अप्रत्याशित तरीके से बहुत ज्यादा बढ़ गई है

बढ़ते बाजार ने भारतीय उपभोक्ताओं को काजू और बादाम के साथ-साथ पेकान और प्रून्स जैसे Dry Fruits की ओर भी प्रेरित किया है। यह बढ़ती खपत भारत को अखरोट के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बना रही है। साथ ही, बेहतर क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ रही है। अमेरिका से आयातित उच्च गुणवत्ता वाले ड्राई फ्रूट्स अब भारतीय बाजार में प्रमुखता पा रहे हैं।

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Deepak Agarwal, Co-founder & CBO, Proventus Agrocom Limited (Provi Foods) ने क्या कहा ?

बीते दिनों Covid-19 महामारी के दौरान भारत के अखरोट और ड्राई फ्रूट्स बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ। स्थिरता के साथ ग्रोथ के रास्ते पर चलते हुए, महामारी के कारण अखरोट और सूखे मेवों की खपत अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई। देश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से वैकल्पिक स्नैक्स की श्रेणी में बड़ी वृद्धि हुई। 2023 में ड्राई फ्रूट्स और अखरोट की खपत में 25% की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले 5 साल में सबसे अधिक थी। यह वृद्धि अधिकांश नॉन-ब्रांडेड उत्पादों के कारण हुई। ब्रांडेड कंपनियों की हिस्सेदारी बाजार में 10% से भी कम है, जो ग्रोथ और विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। ड्राई फ्रूट्स पहले केवल त्योहारों पर उपहार देने का एक प्रीमियम आइटम था, लेकिन आज 73% से अधिक शहरी आबादी अपनी दैनिक चाय या कॉफी के साथ इन्हें सेवन करती है, खासकर मखाना। यह बदलाव मध्यमवर्गीय परिवारों की बढ़ती खर्च योग्य आय का संकेत है। बढ़ती संपत्ति और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अब परिवार पारंपरिक अनहेल्दी स्नैक्स की जगह स्वस्थ विकल्प अपना रहे हैं। भारत हमेशा से स्नैक्स पसंद देश रहा है। चाय या कॉफी के साथ स्नैक्स लेना यहां आम है। मिलेनियल्स और जेन जेड की नई पीढ़ी भी दोस्तों के साथ मिलने या टीवी देखते समय स्नैक्स का सेवन पसंद करती है।

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भारतीय बाजार में ड्राई फ्रूट्स की मांग 

रूस-यूक्रेन युद्ध और सप्लाई चेन की रुकावटों के बावजूद, भारतीय बाजार में ड्राई फ्रूट्स की मांग बढ़ रही है। अनुमानों के अनुसार, 2030 तक भारत का बाजार दोगुना होकर लगभग 12 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, जिसमें साल दर साल 18% की ग्रोथ दर्ज की जाएगी। यह संकेत हैं कि भारतीय अखरोट और ड्राई फ्रूट्स बाजार का भविष्य उज्जवल है। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते इस बाजार की वैल्यू 6 बिलियन डॉलर से अधिक है। हमारी विशाल आबादी सुनिश्चित करती है कि अगर एक छोटा हिस्सा भी इनका उपभोग शुरू कर दे, तो हम जल्द ही वर्ल्ड लीडर बन जाएंगे। भारत मूंगफली, बादाम और काजू की खपत में दूसरे स्थान पर, किशमिश के लिए तीसरे, सूखे अंजीर के लिए चौथे, अखरोट के लिए छठे और खजूर के लिए सातवें स्थान पर है। हमारा ड्राई फ्रूट्स बाजार शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके बावजूद हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।