
Private Sector कर्मचारियों को तोहफा, 25 लाख तक लीव इनकैशमेन्ट की छूट
leave encashment योजना यानि अगर आप प्राइवेट सेक्टर में है और अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो आपको छुट्टियों का पैसा मिलता है। प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में इसे लंबी सेवाकाल के बाद उपयोग में लाया जाता है। आमतौर पर इसमें 3 लाख रूपये तक के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है। इस निर्णय के माध्यम से, सरकार ने न केवल कर्मचारियों की भविष्य की सुरक्षा बढ़ाई है, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक वित्तीय सुरक्षा हासिल करने में मदद की है।

Leave Encashment योजना यानि अगर आप Private Sector में है और अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो आपको छुट्टियों का पैसा मिलता है।प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में इसे लंबी सेवाकाल के बाद उपयोग में लाया जाता है। आमतौर पर इसमें 3 लाख रूपये तक के भुगतान पर Tax छूट मिलती है। लेकिन सरकार ने 20 साल बाद इस पर बड़ी छूट देने का ऐलान किया है। नई नीति के तहत, सरकार ने छूट की अधिकतम सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। यह उन कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और अपनी छुट्टी का लाभ उठाने की इच्छा रखते हैं। इस निर्णय के माध्यम से, सरकार ने न केवल कर्मचारियों की भविष्य की सुरक्षा बढ़ाई है, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक वित्तीय सुरक्षा हासिल करने में मदद की है। यह टैक्स छूट मिलने से लोगों के पास अब ज्यादा पैसा आएगा।
Also Read: इस चवन्नी के स्टॉक ने 1 लाख के बना दिए 3 करोड़ रुपये
लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ये टैक्स-छूट की लिमिट तभी तय हो पाएगी, जब कर्मचारी नौकरी छोड़े देगा या किसी वजह से रिटायरमेंट ले लेगा। वहीं यदि आप नौकरी करने के दौरान छुट्टी के बदले कैश ले रहे हैं, तो इस लीव इनकैशमेंट पर पहले की तरह ही टैक्स लगेगा। इसके अलावा 1 साल में ही एक से ज्यादा जॉब बदलने पर भी अधिकतम 25 लाख रुपये की टैक्स-छूट ही मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को बजट में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट पर टैक्स-छूट की लिमिट बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का ऐलान किया था। इसके मुताबिक गुरुवार 25 मई को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। नोटिफिकेशन में यह फैसला 1 अप्रैल से लागू हो गया है। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए अभी तक लीव-इनकैशमेंट पर टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये थी। यह सीमा साल 2002 में तय की गई थी जब सरकारी कर्मचारियों के अधिकतम बेसिक सैलरी 30,000 रुपये प्रति माह ही हुआ करती थी।
Also Read: इस चवन्नी के स्टॉक ने 1 लाख के बना दिए 3 करोड़ रुपये