
EV का बढ़ रहा है बोलबाला, भारत में जमकर आ रहा है पैसा
भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश के लिए एक नया रिकॉर्ड स्थापित हो गया है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का तेजी से बढ़ता बाजार उन विदेशी कंपनियों को दूसरा मौका दे रहा है, जिनकी पेट्रोल-डीजल कारें ज्यादा सफल नहीं रही हैं। ऐसी कंपनियों के लिए बाजार पर मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों की मजबूत पकड़ ढीली करना मुश्किल रहा है। लेकिन ईवी सेगमेंट में इन्हें बड़ा मौका नजर आ रहा है। इसे देखते हुए विदेशी कार कंपनियां भारत में 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश करने जा रही हैं। एमजी मोटर, रेनॉ, निसान और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां भारत में पेट्रोलियम कारों का विस्तार कम करके ईवी पर फोकस कर रही हैं।

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश के लिए एक नया रिकॉर्ड स्थापित हो गया है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश के लिए एक नया रिकॉर्ड स्थापित हो गया है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के तेजी से बढ़ता बाजार उन विदेशी कंपनियों को दूसरा मौका दे रहा है, जिनकी Petrol-Diesel कारें ज्यादा सफल नहीं रही हैं। ऐसी कंपनियों के लिए बाजार पर मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों की मजबूत पकड़ ढीली करना मुश्किल रहा है। लेकिन ईवी सेगमेंट में इन्हें बड़ा मौका नजर आ रहा है। इसे देखते हुए विदेशी कार कंपनियां भारत में 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश करने जा रही हैं। एमजी मोटर, रेनॉ, निसान और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां भारत में पेट्रोलियम कारों का विस्तार कम करके ईवी पर फोकस कर रही हैं। देश के लग्जरी ईवी मार्केट में ग्लोबल कंपनियां पहले ही कई मॉडल उतार चुकी हैं। वोल्वो कार्स, ऑडी, जेएलआर और स्टेलेंटिस इनमें शामिल है।
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चीन की कंपनी Sack के ब्रिटिश ब्रांड एमजी मोटर भारत में मौजूदा दो ईवी के अलावा 4-5 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने वाली है। कंपनी 5,000 करोड़ के निवेश से भारत में दूसरी फैक्टरी लगाने लगाने जा रही है। इसके अलावा बैटरी एसेंबलिंग प्लांट की भी तैयारी है। ह्युंडई मोटर इंडिया 20 हजार करोड़ के निवेश से भारत में ईवी सिस्टम स्थापित करेगी। कंपनी 2032 तक सालाना 1.78 लाख यूनिट क्षमता वाली बैटरी पैक फैक्टरी लगाएगी। इसके अलावा 4 मौजूदा ईवी के अलावा कई नए इलेक्ट्रिक कार मॉडल लॉन्च करेगी। फॉक्सवैगन जर्मन कंपनी ने अपने पैसेंजर कार पोर्टफोलियो के 30% मॉडल को इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रिफाइड करने की तैयारी की है। अगले साल भारतीय बाजार में फॉक्सवैगन की पहली इलेक्ट्रिक कार आई.डी.4 लॉन्च हो सकती है। फिर दूसरे मॉडल भी आएंगे।

Renault-Nissan Alliance भारत में पेट्रोल गाड़ियां बहुत सफल नहीं हो पाने के बाद ईवी मॉडल बढ़ाने जा रहा है। ये अलायंस 5,000 करोड़ रुपए का निवेश करके मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का विस्तार करेगी। अगले कुछ वर्षों में 2 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने की योजना है। बीते 7-8 साल में देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े पैमाने पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी विकसित हुई है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इलेक्ट्रिक ऑटोमेटेड एंड कनेक्टेड व्हीकल, एडवांस ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम और सॉफ्टवेयर ड्रिवन व्हीकल इनमें शामिल है। दुनियाभर की कंपनियां भारत में इनके प्लांट लगा रही हैं। फाडा के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया पहले से ही दुनिया के टॉप ऑटोमोबाइल मार्केट में शामिल भारत अब ईवी का हब बनने जा रहा है। अभी ये शुरुआत है, लेकिन यदि राजस्थान और कश्मीर में मिले लिथियम की माइनिंग और प्रोसेसिंग शुरू हो जाती है तो ज्यादा विदेशी कंपनियां भारत में ईवी प्लांट लगाएंगी। EV का तेजी से बढ़ता बाजार उन विदेशी कंपनियों को दूसरा मौका दे रहा है, जिनकी पेट्रोल-डीजल कारें ज्यादा सफल नहीं रही हैं। ऐसी कंपनियों के लिए बाजार पर मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों की मजबूत पकड़ ढीली करना मुश्किल रहा है। लेकिन ईवी सेगमेंट में इन्हें बड़ा मौका नजर आ रहा है। इसे देखते हुए विदेशी कार कंपनियां भारत में 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश करने जा रही हैं। एमजी मोटर, रेनॉ, निसान और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां भारत में पेट्रोलियम कारों का विस्तार कम करके ईवी पर फोकस कर रही हैं। देश के लग्जरी ईवी मार्केट में ग्लोबल कंपनियां पहले ही कई मॉडल उतार चुकी हैं। वोल्वो कार्स, ऑडी, जेएलआर और स्टेलेंटिस इनमें शामिल है। चीन की कंपनी सैक के ब्रिटिश ब्रांड एमजी मोटर भारत में मौजूदा दो ईवी के अलावा 4-5 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने वाली है। कंपनी 5,000 करोड़ के निवेश से भारत में दूसरी फैक्टरी लगाने लगाने जा रही है। इसके अलावा बैटरी एसेंबलिंग प्लांट की भी तैयारी है। ह्युंडई मोटर इंडिया 20 हजार करोड़ के निवेश से भारत में ईवी सिस्टम स्थापित करेगी। कंपनी 2032 तक सालाना 1.78 लाख यूनिट क्षमता वाली बैटरी पैक फैक्टरी लगाएगी। इसके अलावा 4 मौजूदा ईवी के अलावा कई नए इलेक्ट्रिक कार मॉडल लॉन्च करेगी। फॉक्सवैगन जर्मन कंपनी ने अपने पैसेंजर कार पोर्टफोलियो के 30% मॉडल को इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रिफाइड करने की तैयारी की है। अगले साल भारतीय बाजार में फॉक्सवैगन की पहली इलेक्ट्रिक कार I.D.4 लॉन्च हो सकती है। फिर दूसरे मॉडल भी आएंगे।
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रेनॉ- निसान अलायंस भारत में पेट्रोल गाड़ियां बहुत सफल नहीं हो पाने के बाद ईवी मॉडल बढ़ाने जा रहा है। ये अलायंस 5,000 करोड़ रुपए का निवेश करके मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का विस्तार करेगी। अगले कुछ वर्षों में 2 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने की योजना है। बीते 7-8 साल में देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े पैमाने पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी विकसित हुई है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इलेक्ट्रिक ऑटोमेटेड एंड कनेक्टेड व्हीकल, एडवांस ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम और सॉफ्टवेयर ड्रिवन व्हीकल इनमें शामिल है। दुनियाभर की कंपनियां भारत में इनके प्लांट लगा रही हैं। फाडा के प्रेसिडेंट Manish Raj Singhania पहले से ही दुनिया के टॉप ऑटोमोबाइल मार्केट में शामिल भारत अब ईवी का हब बनने जा रहा है। अभी ये शुरुआत है, लेकिन यदि राजस्थान और कश्मीर में मिले लिथियम की माइनिंग और प्रोसेसिंग शुरू हो जाती है तो ज्यादा विदेशी कंपनियां भारत में ईवी प्लांट लगाएंगी।
