scorecardresearch

Amway India के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई

कंपनी की ओर से भी बयान जारी किया है। एमवे इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय के जरिए दायर की गई शिकायत 2011 की जांच से संबंधित है। हम तभी से विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं और समय-समय पर मांगी गई सभी जानकारी साझा की हैं।

Advertisement
डायरेक्‍ट सेलिंग फर्म Amway India Enterprises Private Limited बड़ी मुश्किल में फंस गया है
डायरेक्‍ट सेलिंग फर्म Amway India Enterprises Private Limited बड़ी मुश्किल में फंस गया है

डायरेक्‍ट सेलिंग फर्म Amway India Enterprises Private Limited बड़ी मुश्किल में फंस गया है। प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने एमवे इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। ED ने 4,050 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में PMLA के तहत केस दर्ज करा दिया है। ईडी ने हैदराबाद की स्पेशल कोर्ट में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अदालत ने 20 नवंबर को ईडी की इस शिकायत पर संज्ञान लिया है। Amway India के खिलाफ कई तरह के खुलासे हुए हैं। आरोपों से पता चलता है कि एमवे सामान बेचने की आड़ में एक अवैध 'मनी सर्कुलेशन स्कीम' को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। एमवे नए मेंबर के रजिस्ट्रेशन के जरिए हाई कमीशन और प्रोत्साहन का वादा करके जनता को धोखा दे रहा है। ईडी के मुताबिक, एमवे डायरेक्ट सेलिंग के तौर पर एक पिरामिड स्कीम चला रहा है। स्कीम काफी हद तक नए सदस्यों के  रजिस्ट्रेशन करने पर निर्भर करती है, साथ ही सीरीज में ऊपर वालों के लिए कमीशन और प्रोत्साहन भी बढ़ते हैं। आपको पता है ना Amway कैसे काम करती है। नहीं पता तो जान लीजिए। इसमें एक बार जब नए मेंबर को किसी ऐसे व्यक्ति के जरिए से पैसे देने के लिए राजी कर लिया जाता है, जिसने उसे कंपनी में भेजा है, तो वह एक प्रतिनिधि बन जाता है। फिर कमीशन लेने के लिए उसे नए सदस्यों को नॉमिनेट करना पड़ता है। इस तरह से ये चेन चलती रहती है। जितने नॉमिनेशन, उतना ही कमिशन बढ़ता जाता है।

advertisement

Also Read: Trading Loss: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में हुआ 22 लाख का घाटा, पुलिसकर्मी बन गया चोर

इतना ही नहीं ED ने कई और बड़े खुलासे किए हैं। ईडी के मुताबिक, Amway की गतिविधियां एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम और मनी सर्कुलेशन स्कीम बनाती है। इसमें धोखाधड़ी के जरिए से 4050 करोड़ रुपये की इनकम बनाई गई है। इसके अलावा, जांच से पता चला कि मेंबर्स से इकट्ठा किए गए 2859 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये कथित तौर पर प्रीमियम, रॉयल्टी और दूसरे खर्चों के रूप में छिपाकर विदेशी निवेशकों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए हैं। ED ने इस मामले के संबंध में 757 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। ऐसे में कंपनी की ओर से भी बयान जारी किया है। एमवे इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय के जरिए दायर की गई शिकायत 2011 की जांच से संबंधित है। हम तभी से विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं और समय-समय पर मांगी गई सभी जानकारी साझा की हैं। जब से एमवे ने 25 साल पहले भारत में अपना परिचालन शुरू किया था, तब से ये कानूनी और रेग्युलेटरी अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी का साफ तौर पर कहना है कि हम अपने कानूनी अधिकारों का पालन करते हुए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए न्यायिक प्रणाली में अपने निरंतर विश्वास को दोहराना चाहते हैं। एमवे खुद के साथ-साथ 2,500 से अधिक कर्मचारियों और 5.5 लाख से इंडिवेंटेंट लोगों की रक्षा करेगा। अब ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में Amway की परेशानी कितनी और बढ़ सकती है।