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सावधान: Cryptocurrency पर अब इस शहर में हुई करोड़ों की धोखाधड़ी

पुलिस ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि क्रिप्टोकरेंसी के अलावा आरोपियों ने अन्य जमा योजनाएं भी चलाईं, जैसे 90,000 रुपये की जमा राशि पर 10% मासिक रिटर्न दिया जा रहा था। अब पुलिस ने आम जनता को आगाह किया है कि यदि कोई योजना 12% से अधिक वार्षिक रिटर्न का वादा करती है, तो सावधान रहें।

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हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी किए जाने के मामले में SIT ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया है
हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी किए जाने के मामले में SIT ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया है

Himachal Pradesh में Cryptocurrency के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी किए जाने के मामले में विशेष जांच टीम (SIT) ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया है। हैरान करने वाली बात ये है कि क्रिप्टो की इस धोखाधड़ी में पुलिसवाले भी शिकार हो गए हैं। धोखाधड़ी का शिकार होने वालों में प्रदेश के एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कई पुलिसवालों ने अपने जीवनभर की पूंजी इसमें लगा दी थी। हाल ही में पकड़े गए आरोपियों को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि एक आरोपी को छोड़कर सभी हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। आरोपियों की पहचान हमीरपुर निवासी अमित प्रदीप सिंह, कांगड़ा निवासी गोविंद गोस्वामी, मंडी निवासी संजय कुमार, केवल सिंह, दिग्विजेंदर सिंह, पारस राम सेन और हरियाणा के पंचकुला निवासी राधिका शर्मा के तौर पर हुई है। घोटालेबाजों ने कम समय में अच्छे रिटर्न का वादा करके भोले-भाले लोगों को लुभाया और निवेशकों का एक नेटवर्क बनाया। इसमें तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया गया और झूठी वेबसाइटें बनाई गईं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में हेरफेर किया गया और उन्हें बढ़ाया गया।

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हिमाचल पुलिस के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में जालसाजों ने कम से कम एक लाख लोगों को धोखा दिया है। पुलिस ने 2.5 लाख आईडी बरामद किए हैं, जो एक ही शख्स के हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए घोटालेबाजों ने दो क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च कीं। ठगों ने शुरुआती निवेशकों को कम समय में उच्च रिटर्न का वादा करके लुभाया। उन्होंने निवेशकों का एक नेटवर्क भी बनाया। फिर अपने-अपने दायरे में श्रृंखला का और विस्तार किया। लेकिन उन पुलिसवालों ने योजना का जो प्रचार किया, उसने दूसरे निवेशकों के बीच विश्वास पैदा किया। निवेश योजना को विश्वसनीयता प्रदान की.एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर गुरुवार को समाचार एजेंसी PTI को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी योजना में शामिल कुछ पुलिसकर्मियों ने इस काम के चक्कर में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) तक ले लिया था और वे इस योजना के प्रमोटर बन गए थे।

हाल ही में पकड़े गए आरोपियों को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है
हाल ही में पकड़े गए आरोपियों को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है

लॉन्च किया था नया सिक्का

घोटालेबाजों ने अपने सिक्कों को लिस्टेड करने के लिए नकली वेबसाइटें बनाईं और उनकी कीमतों में हेरफेर किया। बाद में उन्होंने 'DGT Coin' नाम से एक नया सिक्का लॉन्च किया। जब पर्याप्त लोगों ने इन सिक्कों को ऊंची कीमत पर खरीद लिया, तो जानबूझकर इसकी कीमत कम कर दी गई। जिससे निवेशकों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। पुलिस ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि क्रिप्टोकरेंसी के अलावा आरोपियों ने अन्य जमा योजनाएं भी चलाईं, जैसे 90,000 रुपये की जमा राशि पर 10% मासिक रिटर्न दिया जा रहा था। अब पुलिस ने आम जनता को आगाह किया है कि यदि कोई योजना 12%  से अधिक वार्षिक रिटर्न का वादा करती है, तो सावधान रहें।

हिमाचल पुलिस के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में जालसाजों ने कम से कम एक लाख लोगों को धोखा दिया है
हिमाचल पुलिस के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में जालसाजों ने कम से कम एक लाख लोगों को धोखा दिया है