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BTTV Exclusive: पूरे विवाद पर क्या कहा Vijaypath Singhania ने, पढ़िए पूरा इंटरव्यू

आपको बता दें कि जब से ये कॉन्ट्रवर्सी हुई है तब से कंपनी को हर दिन भारी नुकसान हो रहा है। शेयरों में गिरावट आ रही है। निवेशक के मन में संशय है।

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Vijaypat Singhania
Vijaypat Singhania

Gautam Singhania और उनकी पूर्व पत्नी Nawaz Modi के घमासान के बीच बिजनेस टुडे आपके लिए उनके पिता Vijaypat Singhania का इंटरव्यू लेकर आया है। इस इंटरव्यू में विजयपथ सिंहानिया ने हर मुद्दे पर खुलकर बात की है। उन्होंने अपने बेटे गौतम सिंघानिया को लेकर ऐसी बातें कहीं हैं जिन्हें सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इस इंटरव्यू में एक पिता का मार्मिक चेहरा भी है तो वहीं उन्होंने बहू-बेटे के बीच हुए घमासान पर भी अपनी राय रखी है। साथ ही निवेशकों के नजरिये भी विजयपथ सिंघानिया कई खास बातें कहीं जिन्हें आपको सुनना चाहिए। सबसे पहले सुनिए जब उनसे पूछा गया कि क्या आप अपने बेटे से बात करना या मिलना या समझाना चाहेंगे तो सुनिए उन्होंने क्या कहा? उनका साफ कहना है कि मैं उनसे मीटिंग के लिए तैयार हूं। लेकिन इस मीटिंग के कोई मायने नहीं है। क्योंकि वो मेरी सुनेंगे नहीं। अगर मैं कुछ उन्हें ऐसा बोलूंगा जो उनकों अच्छा नहीं लगेगा तो वो मुझ पर चिल्लाएंगे, मुझे डांटेगा, शायद गाली-गलौच भी करे। मैं कोशिश करूंगा कि जितना उनसे दूर रहा जा सके उतना बेहतर है। इतना ही नहीं विजय पथ सिंघानिया ने यहां अपनी किताब भी जिक्र किया और साथ ही उन्होंने देश के सभी पैरेंट्स को अपने तजुर्बे के जरिए एक संदेश भी देने की कोशिश की। अगर आपने उनकी बात को ध्यान से सुना हो तो उन्होंने कहा कि मेरी तरह बहुत सारे पैरेंट्स को सोचना चाहिए। हमें अपने बच्चों को सबकुछ देने से पहले सोचना चाहिए। मैं ये नहीं बोलता की आप मत दो लेकिन, आपके चले जाने के बाद गही अपनी जमा पूजी या एम्प्लायर बच्चों को सौंपना चाहिए। लेकिन अपने जीते जी नहीं देना चाहिए। नहीं तो आपको बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है।

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उनका कहना है कि उन दोनों की जिंदगी में हस्तक्षेप करना मेरा काम नहीं है। मैंने अपनी बहू नवाज को मदद की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने कहा कि पापा हम खुद मैनेज कर लेंगे। इसलिए मैंने इंटरफेयर नहीं किया और सोचा उनकी जिंदगी है उनकों ही हैंडल करने देना चाहिए। उनका कहना है कि मेरी बहू पहले से बहुत फेमस और लीगल फैमिली से आती हैं। उनकी पिता 93 साल के हैं और बहुत ही सीनियर एडवोकेट हैं। अगर उनकों मेरी किसी भी तरह की मदद की जरूरत होगी तो मैं खड़ा हूं। आपको बता दें कि जब से ये कॉन्ट्रवर्सी हुई है तब से कंपनी को हर दिन भारी नुकसान हो रहा है। शेयरों में गिरावट आ रही है। निवेशक के मन में संशय है। ऐसे में गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत ने इस मुद्दे पर कहा कि कंपनी का नाम आखिरकार इस पर निर्भर करेगा कि शेयरधारक, बैंकर इसे कैसे देखते हैं। रेमंड के पास बहुत बड़ी संख्या में मेच्योर और तार्किक शेयरधारक हैं। वे अपने बारे में सोच सकते हैं। अगर वे कुछ बुरा देखते हैं, तो वे तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। आपको बता दें कि गौतम को बागडोर सौंपने के बाद विजयपत ने 2015 में प्रमुख कंपनी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।