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Anil Ambani: कम नहीं हो रही हैं Anil Ambani की मुश्किलें, आया नोटिस

यह पहली दफा नहीं है जब अनिल अंबानी की कंपनी इस हालात से गुजर रही हो। इससे पहले भी अनिल अबंनी की कंपनियां दिवालिया हो चुकी है, और बात करें रिलांयस कैपिटल की तो यह भारी कर्ज में डूबा है। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं।

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मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी एक बार फिर खबरों में आ गए हैं
मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी एक बार फिर खबरों में आ गए हैं

Mukesh Ambani के भाई Anil Ambani एक बार फिर खबरों में आ गए हैं। अनिल अंबानी की कंपनियां लगातार बर्बादी की ओर बढ़ रही हैं। कभी दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट में शाामिल अनिल अंबानी की हालात दिन पर दिन बद से बदतर होती जा रही है, और इस बर्बादी  का कारण है उनकी डूबती हुई कंपनियां। जी हां, एक बार फिर अनिल अंबानी की कंपनी उनकी मुश्किलें बढ़ाती हुए नजर आ रही है। उनकी कंपनी Reliance Capital की सब्सिडियरी Reliance General Insurance कंपनी को GST की तरफ से नोटिस मिल गया है। खबर आ रही है कि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने 922.58 करोड़ रुपये की राशि के लिए कई कारण बताओ नोटिस भेजा है। रिपोर्ट के अनुसार DGGI ने चार अलग-अलग मामलों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को टैक्स नोटिस भेजा है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में कंपनी को भेजे गए ईमेल का कंपनी के तरफ से कोई भी जबाव नही आया है। नोटिस में पुन बीमा और सह बीमा जैसी सेवाओं से मिली आय यानी 478.84 करोड़ रुपये, 359.70 करोड़ रुपये, 78.66 करोड़ रुपये और 5.38 करोड़ रुपये की टैक्स मांग की गई है। इस मुनाफे वाली कंपनी की रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में 70% हिस्सेदारी है। बैंकरों का कहना है कि इससे कंपनी के वैल्यूएशन पर असर पड़ सकता है।

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रिलायंस कैपिटल अभी NCLT में इनसॉलवेंसी प्रोसेस से गुजरने के बाद Hinduja Group ने उसके लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है, लेकिन अभी इसके लिए Supreme Court की मंजूरी का इंतजार है। पहले दौर में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी Torrent Group ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होनी है। बता दें आपको तो यह पहली दफा नहीं है जब अनिल अंबानी की कंपनी इस  हालात से गुजर रही हो। इससे पहले भी अनिल अबंनी की कंपनियां दिवालिया हो चुकी है, और बात करें रिलांयस कैपिटल की तो यह भारी कर्ज में डूबा है। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई (RBI) ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। जिसमें पहले राउंड में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट (Torrent Investment) ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। रिलायंस कैपिटल पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

Reliance General Insurance कंपनी को GST की तरफ से नोटिस मिल गया है
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