Adani- Hindenberg Case: हिंडनबर्ग को सच का बयान मानने की जरूरत नहीं- SC
याचिकाकर्ताओं ने आगे कहा कि सेबी की गतिविधियां "संदिग्ध" हैं क्योंकि उनके पास 2014 से विवरण हैं लेकिन वो समय रहते कार्रवाई नहीं कर पाई।

Supreme Court ने शुक्रवार को कहा कि Hindenberg रिसर्च रिपोर्ट को सत्य के बयान के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए तथ्यात्मक खुलासों पर याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, "हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य का बयान नहीं मानना है।" शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है, इसीलिए हमने सेबी से मामले की जांच करने को कहा था। पीठ ने कहा, "हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। इसीलिए हमने सेबी से जांच करने को कहा है।
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याचिकाकर्ताओं ने आगे कहा कि सेबी की गतिविधियां "संदिग्ध" हैं क्योंकि उनके पास 2014 से विवरण हैं लेकिन वो समय रहते कार्रवाई नहीं कर पाई। मामले में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 2014 में सेबी अध्यक्ष के साथ विवरण साझा किया था। लेकिन इसके बाद भी सेबी सतर्क नहीं रही।
( खबर को अपडेट किया जा रहा है)