Satellite Internet: अब ये टेलीकॉम कंपनी देगी आपको इंटरनेट की सुपरसॉनिक स्पीड !
जियो और एयरटेल की इस तीखी रेस में सीधा फायदा भारत को ही होगा क्योंकि चीन इस रेस में भारत से एक कदम आगे निकल गया है हाल ही में चीन ने स्पेस सेटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में बड़ी कामयाबी हासिल करली है

भारत में इंटरनेट की दुनिया में क्रांति आने वाली है क्योंकि अब 5G और 6G टेक्नोलॉजी के अलावा दुनिया में नई टेक्नोलॉजी आ गई है जो आम तौर पर Elon Musk की कंपनी Starlink इस्तेमाल करती है। आने वाले समय में देश में इंटरनेट की कनेक्टिविटी सैटेलाइट के जरिए होगी। इसी कड़ी में भारत की कंपनियां भी ऐसी ही टेक्नोलॉजी भारत में लाने के लिए कमर कस ली है। अब इंटरनेट की बात हो रही है और उसमें Jio और Airtel का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर तैयारियां कर रही हैं। जियो और एयरटेल दोनों ही अपने ग्राहकों को जल्द से जल्द सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा देना चाहते हैं। ऐसे में भारती एयरटेल की वन वेब को सैटेलाइट इंटरनेट के लिए IN-SPACe से अप्रूवल भी मिल चुका है। बता दें IN-SPACe एक सरकारी एजेंसी है। यह स्पेस एक्टिविटी को रेगुलेट करने और देश में स्पेस एक्टिविटीज को चलाने के लिए परमिशन देती है। एयरटेल को इन स्पेस का अप्रूवल मिला है। ये देश की पहली ऐसी कंपनी है जिसे स्पेस का अप्रूवल मिला है। एयरटेल ग्रामीण और अनकनेक्टेड एरिया में इंटरनेट फैसिलिटी प्रोवाइड कराना चाहती है। कंपनी की तैयारी लोगों को हाईस्पीड और लो लेटेंसी इंटरनेट देने की है। इधर जियो के मालिक Mukesh Ambani की अब सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में सीधी टक्कर Sunil Mittal की एयरटेल से होने जा रही है।
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हालांकि भारत में अभी सेटेलाइट इंटरनेट बाजार शुरुआती दौर में है, लेकिन ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में इसकी संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 6% की रफ्तार से बढ़ते हुए 2025 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। देश के दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट को पहुंचाने के लिए रिलायंस जियो ने हाल ही में एक नई टेक्नोलॉजी लॉन्च की है। इस टेक्नोलॉजी का नाम है ‘जियो स्पेस फाइबर’ है। जियो स्पेस फाइबर को पूरे देश में सस्ते में उपलब्ध कराने की तैयारी है। कई लोग इसे भारती एयरटेल को रिलायंस जियो पर बढ़त हासिल करने के रूप में देख रहे हैं। दरअसल, कुछ महीने पहले भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा था कि अगले पांच-छह साल में वनवेब की सेटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए एकमात्र प्रतिस्पर्धी एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजॉन हैं।इससे साफ हो जाता है कि ये रिलायंस जियो पर कटाक्ष था, जिसे मित्तल ने करीबी कम्पेटिटर बनना तो दूर की बात, कोई जियो के साथ कोई मुकाबला भी नहीं माना। जियो और एयरटेल की इस तीखी रेस में सीधा फायदा भारत को ही होगा क्योंकि चीन इस रेस में भारत से एक कदम आगे निकल गया है हाल ही में चीन ने स्पेस सेटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में बड़ी कामयाबी हासिल करली है और चीन में अब 1 सेकेंड में लगभग 150 फिल्म डाउनलोड कर सकते है। वहां इंटरनेट की रफ्तार लगभग 1.3 टीबी प्रति सेकंड आ रही है। जो बहुत तेज है।