सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा तो निफ्टी 25000 से नीचे हुआ बंद, लगातार तीसरे हफ्ते टूटा बाजार - ये हैं 4 बड़े कारण
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स, जो अब तक बाजार को सहारा दे रहे थे, अब उन पर भी बिकवाली हावी है। शुक्रवार को BSE Midcap 0.62% गिरा तो वहीं Smallcap इंडेक्स 0.64% फिसला। नतीजतन, केवल एक दिन में बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹3 लाख करोड़ घटकर ₹458 लाख करोड़ रह गया।

Sensex-Nifty: भारतीय शेयर बाजारों ने लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है। आज यानी 18 जुलाई शुक्रवार को Nifty 50 143 अंक टूटकर 24,968.40 पर बंद हुआ, जबकि BSE Sensex 502 अंक गिरकर 81,757.73 पर आ गया। इस महीने अब तक सेंसेक्स 2,300 अंकों (करीब 3%) की गिरावट के साथ लाल निशान में है।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स, जो अब तक बाजार को सहारा दे रहे थे, अब उन पर भी बिकवाली हावी है। शुक्रवार को BSE Midcap 0.62% गिरा तो वहीं Smallcap इंडेक्स 0.64% फिसला। नतीजतन, केवल एक दिन में बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹3 लाख करोड़ घटकर ₹458 लाख करोड़ रह गया।
बाजार में गिरावट के 4 बड़े कारण
कमजोर Q1 नतीजे
FY25 की कमजोर कमाई के बाद निवेशक Q1 में रिकवरी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन शुरुआती आंकड़े इतने अच्छे नहीं रहे। कंपनियों के कंजरवेटिव आउटलुक से निवेशक निराश के उत्साह में कमी आई है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी
US-India ट्रेड डील को लेकर लगातार उम्मीदें जताई जा रही हैं, लेकिन अब तक ठोस प्रगति नहीं हुई। यह अनिश्चितता निवेशकों को सतर्क रख रही है।
महंगे वैल्यूएशन
निफ्टी का वर्तमान PE 22.6 है, जो दो साल के औसत 22.3 से ऊपर है। जब तक कमाई में स्पष्ट सुधार नहीं होता, महंगे वैल्यूएशन बाजार पर दबाव बनाए रखेंगे।
FII की बिकवाली
जुलाई में अब तक विदेशी निवेशकों ने कैश मार्केट से ₹17,330 करोड़ की बिकवाली की है। साथ ही डेरिवेटिव सेगमेंट में भी शॉर्ट पोजीशन बढ़ाई गई है।
इस गिरावट के बीच निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक एसआईपी और मल्टीकैप फंड्स जैसे विकल्पों के जरिए बाजार में अनुशासित निवेश जारी रखना चाहिए। साथ ही, IT, रियल एस्टेट, ऑटो (EV को छोड़कर) और प्राइवेट बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में लॉन्ग टर्म अवसर बने रह सकते हैं, बशर्ते निवेशक शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं।