Adani Group का वियतनाम में बड़ा दांव
अडानी दक्षिण भारत के विजिंजम बंदरगाह में भी अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इसके विस्तार और दुनिया के कुछ सबसे बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है।

जहां मुकेश अंबानी अपने छोटे बेटे अनंत की शादी में बिजी है वहीं दूसरी तरफ Gautam Adani ने बहुत बड़ी छलांग लगा दी है। अडानी अपने कारोबार को दुनिया भर में फैलाने के इरादे से लगे हुए है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अडानी ने Vietnam में आधुनिक पोर्ट बनाने की तैयार करने की योजना बना रहे हैं। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड की ओर से शुरू की गई इस परियोजना को वियतनाम सरकार से दा नांग में ग्रीनफील्ड डेवलपमेंट के लिए 'सैद्धांतिक मंजूरी' मिल गई है। यह जानकारी कंपनी के एमडी करण अडानी ने दी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती दौर में है। इसमें अलग-अलग प्रकार के कार्गो को संभालने के लिए कंटेनर टर्मिनल और मल्टीपर्पस बर्थ होंगे। निवेश का विवरण अभी तय नहीं किया गया है।
अडानी ग्रुप का चौथा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह
यह अडानी ग्रुप का चौथा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह होगा। इससे पहले ग्रुप के हाइफाइ इजरायल, कोलंबो श्रीलंका और डार एस सलाम तंजानिया में पोर्ट हैं। पिछले शुक्रवार को ही दक्षिण भारत में अडानी के नए मेगा पोर्ट ने अपने पहले मदर शिप का स्वागत किया। इससे पता चलता है कि कंपनी अंतरराष्ट्रीय समुद्री बिजनेस में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। यह ऐसा क्षेत्र है जिस पर फिलहाल चीन का दबदबा है।
Also Read:Adani Port केरल के Vizhinjam Port में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा: रिपोर्ट
समुद्री केंद्र
गौतम अडानी के बेटे करण ने कहा, 'हमारा लक्ष्य भारत को एक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करना है। हम उन देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है या बड़ी आबादी है, जिससे खपत अधिक होती है। हमारा लक्ष्य इन क्षेत्रों में निर्यात की मात्रा को बढ़ाना है।
अडानी पोर्ट्स
भारत की सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर होने के नाते अडानी पोर्ट्स को फिलहाल अपने कुल कारोबार का लगभग 5% अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से प्राप्त होता है। कंपनी का लक्ष्य है कि 2030 तक इस आंकड़े को दोगुना करके 10% तक पहुंचाया जाए। कंपनी मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, वियतनाम और कंबोडिया में अवसर तलाश रही है। ये वो क्षेत्र हैं जो भारत के व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
अडानी पोर्ट्स
अडानी दक्षिण भारत के विजिंजम बंदरगाह में भी अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इसके विस्तार और दुनिया के कुछ सबसे बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है। करण ने इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी योजना 2028 तक विजिंजम अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल में $2.4 अरब का निवेश करने की है।
बंदरगाह की क्षमता
उनका लक्ष्य बंदरगाह की क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर 50 लाख TEU तक पहुंचाना है, जो 30 लाख TEU की शुरुआती योजना से कहीं ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार क्षेत्र में चीन से बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अडानी ने विस्तार की लिमिट को 2045 से घटाकर 2028 कर दिया है।