Budget 2024-25 पॉलिसी के विस्तार पर सौरभ जैन ने क्या कहा ?
फिस्कल कंसोलिडेशन के कारण फिक्स्ड इनकम के लिए सकारात्मक संकेत हैं। लोअर गवर्नमेंट बॉरोइंग और ऑनशोर बांड के लिए डिमांड-सप्लाई की गतिशीलता में सुधार से अगले 12 महीनों में लोअर बॉन्ड यील्ड का समर्थन मिलेगा। हम मीडियम और लॉन्ग मैच्योरिटी वाले बांड में अनुकूल रिस्क-रिवार्ड देखते हैं।

वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट ने राजकोषीय विवेक और मीडियम टर्म में ग्रोथ को सपोर्ट करने के बीच एक संतुलन बनाए रखा है डाइवर्सिफाइड एसेट अलोकेशन एक विवेकपूर्ण रणनीति बनी हुई है।
Saurabh Jain, Head, Wealth Solutions, Standard Chartered Bank, India ने क्या कहा ?
1. राजकोषीय विवेक: सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के लिए बजट घाटे को 5.1% से घटाकर 4.9% कर दिया है, जबकि सकल उधारी योजना को 14 ट्रिलियन रुपये पर बनाए रखा है। सरकार ने 2026 तक फिस्कल डेफिसिट को 4.5% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
2. निवेश-आधारित ग्रोथ: इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, सभी के लिए आवास और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 11.1 ट्रिलियन रुपये का कैपेक्स बजट रखा गया है, जो जीडीपी का लगभग 3.4% है।
3. तर्कसंगत टैक्सेशन: बजट में कम आय वर्ग, विदेशी कॉर्पोरेट संस्थाओं और एंजेल निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए टैक्स में बदलाव किए गए हैं। एलटीसीजी को 10% से बढ़ाकर 12.5% और एसटीसीजी को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
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4. सामाजिक कल्याण खर्च: युवाओं, महिलाओं, एमएसएमई और कृषि क्षेत्र पर केंद्रित सामाजिक कल्याण खर्च में बढ़ोतरी की गई है।
बजट का व्यापक असर
बजट भारत की बेहतर ग्रोथ-इनफ्लेशन गतिशीलता का समर्थन करता है। निवेश-आधारित ग्रोथ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए प्रस्तावित प्रोत्साहन, और राजकोषीय विवेक से जीडीपी ग्रोथ को समर्थन मिलेगा।
एसेट क्लास के प्रभाव
कैपिटल गेंस टैक्स में बढ़ोतरी से इक्विटी के सेंटीमेंट पर थोड़े समय के लिए नकारात्मक असर पड़ सकता है, लेकिन मध्यम अवधि में इसका सीमित प्रभाव होगा। नॉन-फाइनेंशियल एसेट पर कैपिटल गेंस टैक्सेशन के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटाने से फाइनेंशियल एसेट्स अधिक आकर्षक बन सकते हैं।
एसेट अलोकेशन पर राय
निकट अवधि की अस्थिरता से निपटने के लिए डाइवर्सिफाइड एसेट अलोकेशन एक विवेकपूर्ण रणनीति है। हम लार्जकैप इक्विटी पर ओवरवेट हैं, जो वैल्यूएशन और कमाई पर सुरक्षा का अधिक मार्जिन देती हैं। हम डोमेस्टिक साइक्लिकल (इंडस्ट्रियल और फाइनेंशियल) पर भी ओवरवेट हैं और कंज्यूमर स्टेपल पर ओवरवेट रेटिंग के माध्यम से संतुलन बनाए रखते हैं।
फिक्स्ड इनकम के लिए सकारात्मक संकेत
फिस्कल कंसोलिडेशन के कारण फिक्स्ड इनकम के लिए सकारात्मक संकेत हैं। लोअर गवर्नमेंट बॉरोइंग और ऑनशोर बांड के लिए डिमांड-सप्लाई की गतिशीलता में सुधार से अगले 12 महीनों में लोअर बॉन्ड यील्ड का समर्थन मिलेगा। हम मीडियम और लॉन्ग मैच्योरिटी वाले बांड में अनुकूल रिस्क-रिवार्ड देखते हैं। सरकार के इस बजट से निवेशकों को निवेश के नए अवसर और आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मिलता है।