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Electric Vehicle के लिए Delhi सरकार का बड़ा फैसला, 2030 तक बदल जाएगी तस्वीर

दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम के तहत मौजूदा और नए सभी ऑपरेटरों को अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस लेना अनिवार्य है। स्कीम का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है।

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प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रही है
प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रही है

प्रदूषण के खिलाफ Delhi सरकार एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। केजरीवाल सरकार ने Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme को मंजूरी दे दी। ये स्कीम Commercial Vehicles को EV में बदलने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ सेवा की गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के उच्च मानकों पर केंद्रित है। इस स्कीम का लक्ष्य है कि 2030 तक दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर और ई-कॉमर्स से जुड़े डिलीवरी बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलना है। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार की लंबी कोशिशों के बाद दिल्ली में एप बेस्ड प्रीमियम बस सेवा शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। तो चलिए सबसे पहले राजधानी में एप बेस्ड प्रीमियम बस सेवा की बात करते हैं। प्रीमियम बस का मतलब है एक लक्जरी सार्वजनिक बस, जिसमें कम से कम 9 यात्रियों की बैठने की क्षमता हो । इन बसों में खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं होगी। हर एक को सीट मिलेगी।  इन बसों में सीट डिजिटली बुक होगी।  एप पर जाकर कोई भी इन बसों में अपने लिए सीट बुक कर सकेगा।  किराए का भुगतान केवल डिजिटल माध्यम से ही होगा।  बस के अंदर टिकट नहीं मिलेगा। बसें पूरी तरह से एयरकंडीशंड होने के साथ-साथ वाई-फाई, जीपीएस और सीसीटीवी की सुविधा से लैस होंगी।  इसमें सफर करना बहुत ही आरामदायक होगा। 

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इन इलेक्ट्रिक बसों पर लाइसेंस से लेकर रूट और टिकट के नियमों के बारे में भी जान लेते हैं। इस स्कीम के तहत चलने वाली सीएनजी बसें तीन साल से अधिक पुरानी नहीं होगी। एक जनवरी 2025 के बाद जो नई बसें इस स्कीम में शामिल की जाएंगी, वो सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इन बसों का रूट दिल्ली सरकार तय नहीं करेगी। ऑपरेटर खुद तय करेंगे। हाला्ंकि रूट तय करने के बाद बस ऑपरेटर के लिए दिल्ली सरकार को सूचित करना अनिवार्य होगा। इन बसों का किराया भी बस ऑपरेटर ही तय करेंगे। लेकिन एक शर्त ये होगी कि दिल्ली सरकार के डीटीसी और एसी बसों का जो सबसे ज्यादा किराया है, उससे कम नहीं होना चाहिए। वहीं दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम के तहत मौजूदा और नए सभी ऑपरेटरों को अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस लेना अनिवार्य है। स्कीम का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। यानि की दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। लेकिन अभी इन दोनों स्कीम के लिए दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से मंजूरी मिलनी जरूरी है। उसके बाद ही इन स्कीमों के जरिए दिल्ली वालों को फायदा मिल पाएगा।

केजरीवाल सरकार ने Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme को मंजूरी दे दी
केजरीवाल सरकार ने Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme को मंजूरी दे दी