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स्किपिंग, पूरी रात जॉगिंग: कैसे विनेश फोगाट ने ओलंपिक फाइनल के लिए वजन सीमा को पूरा करने की कोशिश की? जानिए

29 वर्षीय कुश्ती खिलाड़ी को 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल फाइनल में भाग लेने से पहले वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया।

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िपिंग, पूरी रात जॉगिंग: कैसे विनेश फोगाट ने ओलंपिक फाइनल के लिए वजन सीमा को पूरा करने की कोशिश की? जानिए

भारतीय कुश्ती की स्टार, विनेश फोगाट, पेरिस ओलंपिक्स 2024 में एक दुखद घटना का शिकार हुईं। 29 वर्षीय कुश्ती खिलाड़ी को 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल फाइनल में भाग लेने से पहले वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया। विनेश को फाइनल मुकाबले के लिए वजन कम करने के प्रयास में अत्यधिक मेहनत करनी पड़ी, लेकिन वह 150 ग्राम अधिक पाई गईं, जिससे उनकी ओलंपिक पदक की उम्मीदें चुराई गईं।

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वजन घटाने की कठिनाई

विनेश ने अपने वजन को 53 किलोग्राम से 50 किलोग्राम तक लाने के लिए रातभर कड़ी मेहनत की। उन्होंने कूदने, जॉगिंग, और साइकिलिंग जैसी गतिविधियों का सहारा लिया। हालांकि, उन्हें 2 किलोग्राम वजन कम करने की आवश्यकता थी, और सुबह के वजन में वह 150 ग्राम अधिक पाई गईं। यह स्थिति उनके लिए बेहद निराशाजनक थी, क्योंकि उन्होंने अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने की पूरी कोशिश की थी।

अस्पताल में भर्ती

वजन कम करने की इस कठिन प्रक्रिया के बाद, विनेश को डिहाइड्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वह फाइनल मुकाबले से पहले बेहोश हो गईं और उन्हें ओलंपिक गांव के पॉलीक्लिनिक में ले जाया गया। उनकी स्थिति अब स्थिर है, लेकिन यह घटना उनके लिए एक बड़ा झटका थी। भारतीय ओलंपिक संघ ने उनके अयोग्य घोषित होने की पुष्टि की और कहा कि इस निर्णय के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती।

प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप

इस घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा से बात की और स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने विनेश के मामले में कोई भी संभव विकल्प तलाशने के लिए कहा। यह दर्शाता है कि सरकार खेलों में खिलाड़ियों के प्रति कितनी संवेदनशील है।

विनेश का ओलंपिक सफर

विनेश ने पहले भी 2016 और 2020 के ओलंपिक्स में 53 किलोग्राम श्रेणी में प्रतिस्पर्धा की थी। इस बार, उन्हें 50 किलोग्राम में प्रतिस्पर्धा करने के लिए वजन कम करना पड़ा। उन्होंने 6 अगस्त को तीन मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी, जिससे यह साबित हुआ कि वह ओलंपिक पदक की दावेदार थीं।

विनेश फोगाट की कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि खेलों में प्रतिस्पर्धा कितनी कठिन हो सकती है। उनका अयोग्य होना और बाद में अस्पताल में भर्ती होना, खेलों की कठोरता और खिलाड़ियों की चुनौतीपूर्ण यात्रा को उजागर करता है। भारतीय कुश्ती की यह स्टार खिलाड़ी निश्चित रूप से भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखती हैं, और उनके प्रशंसक उनके लिए हमेशा समर्थन करते रहेंगे।

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