Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के लिए PM Modi आज से शुरू करेंगे 11 दिन का अनुष्ठान, Panchvati से करेंगे आगाज
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ मैं नासिक धाम पंचवटी से कर रहा हूं। पंचवटी वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीरान ने काफी समय बिताया था, और आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती है।

Ayodhya में Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा से पहले PM Modi ने आज देशवासियों के नाम एक ऑडियो संदेश जारी किया है। पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा। प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है। इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं। मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं। इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है।
सौभाग्य है कि इस पल का साक्षी बना रहा हूं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं। आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है। हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है। चारों दिशाओं में राम नाम की धुन है। राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी है। हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का। मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है।
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पीएम मोदी ने खुद को बताया भावुक
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं भावुक हूं। भाव-विह्वल हूं। मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं। मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं। मेरे अंतर्मन की ये भाव यात्रा, मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है। चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं। आप भी भली भांति मेरी स्थिति समझ सकते हैं। जिस स्वप्न को अनेकों पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, मुझे उसकी सिद्धि के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए कड़े नियमों का करेंगे पालन
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है।'निमित्त मात्रम् भव सव्य-साचिन्'। ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। जैसा हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, हमें ईश्वर के यज्ञ के लिए, आराधना के लिए, स्वयं में भी दैवीय चेतना जागृत करनी होती है। इसके लिए शास्त्रों में व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है। इसलिए आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है, उन्होंने जो यम नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं।
पीएम ने जनता से मांगा आशीर्वाद
इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं। ऋषियों,मुनियों,तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं, और जनता-जनार्दन जो ईश्वर का स्वरूप है। उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें। ताकि मन से,वचन से,कर्म से मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे।
पंचवटी से होगी अनुष्ठान की शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ मैं नासिक धाम पंचवटी से कर रहा हूं। पंचवटी वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीरान ने काफी समय बिताया था, और आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती है। ये स्वामी विवेकानंद जी ही तो थे जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था। आज वही आत्मविश्वास भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है।