
राजद्रोह का कानून होगा खत्म, IPC में बड़े बदलाव
बिल के मुताबिक नए कानूनों के माध्यम से कुल 313 परिवर्तन किए गए हैं। सरकार द्वारा आपराधिक न्याय प्रणाली में पूर्ण बदलाव किया गया है। जिन धाराओं में 7 साल से ज्यादा की सजा है, वहां पर फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने पहुंचेगी। राजद्रोह की सजा बदली गई है। नए बिल में राजद्रोह का नाम हटा दिया गया है। कुछ बदलावों के साथ धारा 150 के तहत प्रावधान बरकरार रखे गए हैं।

संसद सत्र के दौरान लगातार सरकार कई नियम में संसोधन कर रही है या फिर कई नए नियम लागू कर रही है। इस वक्त लोकसभा और राज्यसभा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है। एक तरफ जहा सरकार लगातार सवालो का जबाब दे रही है तो वही विरोधी भी लगातार सरकार से सवाल पूछ रही है। इसी बिच केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में सुधार के लिए शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए हैं। ये तीनों कानून देश में ब्रिटिश काल से लागू हैं। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री Amit Saha ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को आगे की जांच के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जाएगा।
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बिल में नया क्या है ?
बिल के मुताबिक नए कानूनों के माध्यम से कुल 313 परिवर्तन किए गए हैं। सरकार द्वारा आपराधिक न्याय प्रणाली में पूर्ण बदलाव किया गया है। जिन धाराओं में 7 साल से ज्यादा की सजा है, वहां पर फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने पहुंचेगी। राजद्रोह की सजा बदली गई है। नए बिल में राजद्रोह का नाम हटा दिया गया है। कुछ बदलावों के साथ धारा 150 के तहत प्रावधान बरकरार रखे गए हैं। प्रस्तावित धारा 150 में राजद्रोह के लिए आजीवन कारावास या तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है। 2027 से पहले देश की सभी कोर्ट को कंप्यूटराइज किया जाएगा। किसी भी शख्स को गिरफ्तार किया जाएगा तो उसके परिवार वालों को तुरंत जानकारी दी जाएगी। इसके लिए एक ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा। इससे मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा। चार्ज फ्रेम होने के 30 दिन के भीतर न्यायाधीश को अपना फैसला देना होगा। सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के अंदर केस चलाने की अनुमति देनी जरूरी है।

प्रस्तावित नई आईपीसी की धाराएं
आईपीसी 145 के तहत भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना/युद्ध छेड़ने का प्रयास करना या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना, यह वर्तमान धारा 121 के समान है। आईपीसी 146 के तहत युद्ध छेड़ने की साजिश, यह वर्तमान धारा 121ए के समान है। आईपीसी 147 के तहत भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि एकत्र करना, यह वर्तमान में धारा 122 के समान है।