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G20 Virtual Summit: Putin और Trudeau आज बैठेंगे PM Modi के सामने

भारत विकास के एजेंडे को केंद्र में रखने पर जोर देगा। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष के प्रभाव पर भी चर्चा की जाएगी। भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की हमारी सफल मेजबानी के बाद से दुनिया ने कई घटनाओं को देखा है और कई नई चुनौतियां सामने आई हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज जी-20 का वर्चुअल समिट आयोजित होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज जी-20 का वर्चुअल समिट आयोजित होगा

PM Modi की अध्यक्षता में आज G-20 का वर्चुअल समिट आयोजित होगा। इसमें रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin भी हिस्सा लेंगे। कनाडाई पीएम Justin Trudeau भी वर्चुअल टेबल पर बातचीत के लिए बैठेंगे। हालांकि, इस बार भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस समिट से दूरी बना ली है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक अन्य प्रोग्राम में शामिल होने की वजह से उपस्थिति नहीं हो सकेंगे। इससे पहले नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी-20 समिट आयोजित किया गया था। इसमें ग्रुप के सभी राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया था। लेकिन, चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत नहीं आ सके थे। उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को समिट में शामिल होने भेजा था। इस दौरान नई दिल्ली घोषणा पत्र को स्वीकार किया गया था। इस दौरान पीएम मोदी ने घोषणा पत्र के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए वर्चुअल समिट आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था। यह भी पहली बार होगा जब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो सितंबर में भारत से लौटने के बाद राजनयिक गतिरोध के बीच पीएम मोदी के साथ आमने-सामने होंगे। चीन का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक बार फिर समिट से दूरी बनाई है।

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हालांकि भारत विकास के एजेंडे को केंद्र में रखने पर जोर देगा। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष के प्रभाव पर भी चर्चा की जाएगी। भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की हमारी सफल मेजबानी के बाद से दुनिया ने कई घटनाओं को देखा है और कई नई चुनौतियां सामने आई हैं। जबकि विकास मुख्य एजेंडा होगा और हम विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेंगे, नेता अन्य मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, नेताओं द्वारा चर्चा किए जाने वाले मुद्दों को पहले से तय करना उचित नहीं होगा, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने सितंबर में शिखर सम्मेलन के बाद से कई मुद्दों पर हुई प्रगति को सूचीबद्ध किया है।