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America में आना वाला है बड़ा भूचाल! White House Council of Economic Advisers का बड़ा बयान

America से एक ऐसा बयान है जो बड़ा विस्फोटक साबित हो सकता है और दुनिया इससे सहम सकती है। ये बयान White House Council of Economic Advisers की ओर से आया है। ये वो डिपोर्टमेंट होता है जो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति को इकोनॉमिक पॉलिसी से जुड़ी सलाह देता है। यानि की अमेरिका की अर्थव्यवस्था के विकास, सरकार की पॉलिसी की समीक्षा करने का काम ये ही विभाग करता है।

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Debt की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो देश में कयामत आ जाएगी।
Debt की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो देश में कयामत आ जाएगी।

दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश America कई मोर्चे पर एक साथ लड़ रहा है। एक तरफ महंगाई है, दूसरी तरफ बैंकिंग संकट, तीसरी तरफ डॉलर की हालत पतली है और अब तो अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की चेतावनी ने भी अमेरिका समेत दुनिया को नई परेशानी में ला दिया है।

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America कई मोर्चे पर एक साथ लड़ रहा है।
America कई मोर्चे पर एक साथ लड़ रहा है।

जेनेट येलेन ने दो टूट कह दिया है कि अगर कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो देश दीवालिया होना तय है। अभी इस बयान के झटके से दुनिया उभर ही रही थी कि अमेरिका से एक ऐसा बयान है जो बड़ा विस्फोटक साबित हो सकता है और दुनिया इससे सहम सकती है। ये बयान White House Council of Economic Advisers की ओर से आया है। ये वो डिपार्टमेंट होता है जो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति को इकोनॉमिक पॉलिसी से जुड़ी सलाह देता है। यानि की अमेरिका की अर्थव्यवस्था के विकास, सरकार की पॉलिसी की समीक्षा करने का काम ये ही विभाग करता है। 

GDP 6.1 प्रतिशत तक गिर जाएगी
GDP 6.1 प्रतिशत तक गिर जाएगा

लेकिन White House Council of Economic Advisers की ओर से ऐसा बयान आया है जिसके बाद भूचाल आना तय है। इन्होंने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि अगर डेट सीलिंग यानि कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो देश में कयामत आ जाएगी। इससे देश में 83 लाख नौकरियां साफ हो जाएंगी, स्टॉक मार्केट आधे से ज्यादा तबाह हो जाएगा, GDP 6.1 प्रतिशत तक गिर जाएगा और बेरोजगारी दर 5 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। देश में इंटरेस्ट रेट 2006 के बाद टॉप पर पहुंच गया है, बैंकिंग संकट लगातार गहरा रहा है और डॉलर की हालत पतली हो रही है।

America में इंटरेस्ट रेट 2006 के बाद टॉप पर पहुंच गया है,
America में इंटरेस्ट रेट 2006 के बाद टॉप पर पहुंच गया है,

देश में मंदी आने की आशंका 65 प्रतिशत है। इतना ही नहीं व्हाइट हाउस के अर्थशास्त्रियों ने कई अहम बातें कहीं, उनका कहना है कि प्रोट्रैक्टेड डिफॉल्ट से इकॉनमी को भारी नुकसान होगा। जॉब ग्रोथ में अभी जो तेजी दिख रही है, वह पटरी से उतर जाएगी। लाखों रोजगार खत्म हो जाएंगे। 

Dollar की हालत पतली हो रही है।
Dollar की हालत पतली हो रही है।

अब आप सोचिए जब अमेरिकी सरकार का इतना बड़ा विभाग White House Council of Economic Advisers ये बात कह रह है तो ये कितनी गंभीर बात है। 83 लाख नौकरियां जाने का मतलब है बेरोजगारों की अमेरिका में फौज खड़ी हो जाएगी। देश 2008 की तरह वित्तीय संकट में फंस सकता है। इससे पहले भी Moody’s Analytics के चीफ इकनॉमिस्ट Mark Zandi ने भी बड़ा बयान दिया है, उनका भी मानना है कि अगर अमेरिका ने डिफॉल्ट किया तो लाखों नौकरियां जाना तय है।

USA 2008 की तरह वित्तीय संकट में फंस सकता है।
USA 2008 की तरह वित्तीय संकट में फंस सकता है।

 

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