वेब ब्राउजर लॉन्च करने की तैयार में OpenAI, Google Chrome को मिलेगी सीधी टक्कर - Details
यह ब्राउजर, पहले से चलते आ रहे पारंपरिक ब्राउजरों की तरह सिर्फ वेबसाइटों का गेटवे नहीं होगा, बल्कि इसमें एआई को ब्राउजिंग एक्पीरियंस में ही इंटीग्रेट किया जाएगा।

OpenAI Browser: ओपनएआई जल्द ही अपना एआई-संचालित वेब ब्राउजर लॉन्च करने की तैयारी में है, जिससे गूगल क्रोम के वर्चस्व को सीधी टक्कर मिल सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम चैटबॉट्स और एआई टूल्स से आगे बढ़ते हुए इंटरनेट ब्राउजिंग को फिर से डिफाइन करने की दिशा में ओपनएआई की बड़ी रणनीति का हिस्सा है।
यह ब्राउजर, पहले से चलते आ रहे पारंपरिक ब्राउजरों की तरह सिर्फ वेबसाइटों का गेटवे नहीं होगा, बल्कि इसमें एआई को ब्राउजिंग एक्पीरियंस में ही इंटीग्रेट किया जाएगा। यूजर्स एक चैटजीपीटी जैसे इंटरफेस के जरिए टिकट बुक करना, फॉर्म भरना या वेबपेज की समरी पाना जैसे काम बिना टैब बदले कर सकेंगे। इससे ब्राउजिंग "क्लिक" की बजाय "बातचीत" जैसा महसूस होगा।
ब्राउजर को क्रोमियम कोड पर बनाया जा रहा है, जो गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज और ओपेरा जैसे ब्राउजरों की भी नींव है। इसका मतलब यह है कि यूजर्स को वेबसाइट और एक्सटेंशन में कोई दिक्कत नहीं होगी। ओपनएआई ने गूगल क्रोम के पूर्व अधिकारियों को भी टीम में शामिल किया है, जो इस तकनीकी बदलाव को और भरोसे लायक बनाता है।
इस ब्राउजर की सबसे खास बात सिर्फ एआई नहीं, बल्कि वह डेटा एक्सेस है जो ओपनएआई को यूजर्स के व्यवहार से मिलेगा। गूगल क्रोम का डेटा कलेक्शन ही उसकी विज्ञापन और सर्च इंजन रणनीति का मूल है। अब ओपनएआई उसी डेटा स्ट्रीम का लाभ उठाकर अपने एआई मॉडल को और स्मार्ट और निजी बनाना चाहता है।
गूगल क्रोम फिलहाल दुनिया के दो-तिहाई से अधिक ब्राउजर मार्केट पर कब्जा किए हुए है। लेकिन अगर ओपनएआई का ब्राउजर, चैटजीपीटी के 50 करोड़ वीकली यूजर्स में से कुछ को भी आकर्षित कर सका, तो यह गूगल के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
सिर्फ सॉफ्टवेयर नहीं, ओपनएआई की नजर हार्डवेयर पर भी है। हाल में उसने एपल के पूर्व डिजाइन प्रमुख द्वारा शुरू की गई एआई डिवाइस कंपनी का अधिग्रहण किया है, जो इसके लॉन्गटर्म इरादों को दर्शाता है।