गर्मी तो हर साल बढ़ेगी, लेकिन राहत मिलेगी सिर्फ Energy Efficient Cooling से – जानिए कैसे
बढ़ती गर्मी में एसी चलाना जहां हमें राहत भरा लगता है वहीं, यह हमारे सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी खतरा है। आर्टिकल में जानते हैं कैसे।

अब गर्मी सिर्फ परेशानी नहीं रही, ये तो सीधा हमारी सेहत और जेब पर असर डाल रही है। हर साल पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ने लगा है। जहां एक तरफ लोग गर्मी से बचने के लिए एसी (Air Conditioners) और पंखों का सहारा ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यही चीजें हमारी धरती को और गर्म बना रही हैं। यानी हम जो हल ढूंढ रहे हैं, वही असल में प्रॉब्लम को और बड़ा कर रहा है।
एयर कंडीशनर अब लग्जरी नहीं
विद्युत मंत्रालय के तहत पीएसयू का एक जॉइंट वेंचर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) में विक्रय एवं जनसंपर्क के सीजीएम एवं प्रमुख श्री अनिमेष मिश्रा कहते हैं कि एसी जो कभी एक लग्जरी आइटम थे, अब लाखों लोगों के लिए सिर्फ सुख-सुविधा नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन गए हैं। हालांकि, यह विडंबना है कि एयर कंडीशनिंग तापमान से संबंधित मृत्यु दर को कम करती है, लेकिन एयर कंडीशनरों से निकलने वाली गर्मी और उच्च ऊर्जा खपत शहरी इलाकों में तापमान में वृद्धि का एक खतरनाक चक्र उत्पन्न करती है। इसलिए, ईईएसएल में हमने सुपर-एफ़िशिएंट एयर कंडीशनर पेश किए हैं जो बेहतरीन ठंडक प्रदान करते हुए काफी कम बिजली का उपयोग करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वक्त में सिर्फ कूलिंग डिमांड की वजह से बिजली की खपत तीन गुना तक बढ़ सकती है।
एनर्जी एफिशिएंट डिवाइसेज हैं समाधान
अब सवाल उठता है कि फिर हम क्या करें? जवाब है – एनर्जी एफिशिएंसी कूलिंग डिवाइस (Energy Efficient Cooling Devices)। ये ऐसे उपकरण हैं जो कम बिजली में ज्यादा ठंडक देते हैं। जैसे कि EESL (Energy Efficiency Services Limited) ने सुपर-एफिशिएंट AC निकाले हैं जो आम AC के मुकाबले आधी बिजली में ही काम कर जाते हैं।
शुरुआत में इन डिवाइसेज़ की कीमत थोड़ी ज़्यादा लग सकती है, लेकिन लंबे समय में ये जेब के लिए बहुत फायदेमंद हैं। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी की रिपोर्ट कहती है कि 2021-22 में ऐसे उपकरणों से करीब 94,000 करोड़ रुपये की बचत हुई थी। यानी शुरुआत में थोड़ी इन्वेस्ट करो, फिर सालों तक बिजली के बिल में राहत पाओ।
इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान है बड़ा कदम
सरकार ने भी इस पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। India Cooling Action Plan यानी ICAP के जरिए देश को ऐसे रास्ते पर लाया जा रहा है, जहां हर किसी को ठंडक भी मिले और पर्यावरण को नुकसान भी न पहुंचे। ये प्लान इंटरनेशनल एग्रीमेंट्स जैसे Kigali Amendment और Paris Agreement से भी जुड़ा हुआ है।
अब जरूरत है बदलाव की सोच की
श्री अनिमेष कहते हैं कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, आराम और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बीच सही संतुलन बनाए रखना जरूरी हो गया है। पंखों और एयर कंडीशनरों पर हमारी बढ़ती निर्भरता वैश्विक तापमान वृद्धि का कारण बन सकती है, लेकिन ऊर्जा-कुशल उपकरणों को अपनाकर हम सतत कूलिंग समाधान की ओर एक सकारात्मक कदम बढ़ा सकते हैं।
हम सबको अब अपने कूलिंग च्वाइस पर दोबारा सोचने की जरूरत है। पंखे और AC तो ठीक हैं, लेकिन अगर वो ज्यादा बिजली खपत करते हैं, तो लंबे समय में वो हमारे पर्यावरण के लिए घातक बन सकते हैं। एनर्जी-कुशल विकल्पों को अपनाकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और ठंडा भविष्य तैयार कर सकते हैं।