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5G in India: भारत में जब Elon Musk और Mukesh Ambani होंगे आमने-सामने

स्पेसएक्स की स्टारलिंक ने भारत के सैटेलाइट कंयूनिकेशन मार्केट में दूसरी बार एंट्री करने की कोशिश की है। इससे पहले कंपनी की ओर से कोशिशें किया गया था। कंपनी ने सरकार के अप्रूवल मिलने से पहले बुकिंग तक शुरू कर दी थी।

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एलन मस्क की टक्कर मुकेश अंबानी से होने जा रही है
एलन मस्क की टक्कर मुकेश अंबानी से होने जा रही है

भारत में आने वाले दिनों में एक ऐसी बिजनेस वॉर छिड़ने वाली है। जो न कभी सुनी गई होगी और न कभी देखी गई होगी। दुनिया के सबसे रईस शख्स Elon Musk की टक्कर सीधा भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन Mukesh Ambani से होने जा रही है। इतना ही नहीं इस लड़ाई में भारती एयरटेल Sunil Mittal भी सीधे तौर पर शामिल होंगे। अगर आप सोच रहे हैं कि ये लड़ाई टेस्ला को लेकर है तो आप पूरी तरह से गलत हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल दोनों 5जी से लेकर फाइबर तक में भारी निवेश कर रहे हैं। दोनों के पास सैटेलाइट से सर्विस देने की सुविधा है। सोचिए ऐसे में एलन मस्क की Starlink की एंट्री हो जाए तो टेलीकॉम सेक्टर के लोकल दिग्गजों के लिए कितनी बड़ी परेशानी पैदा हो जाएगी। तो आइए समझते हैं कि आखिर देश के दोनों दिग्गजों की नींद स्टारलिंक की एंट्री से कैसे उड़ी सकती है। आखिर भारत के टेलीकॉम सेक्टर में जो स्क्रिप्ट अंबानी-मित्तल लिख रहे थे, इसमें अचनाक से स्टारलिंक की एंट्री कितनी बड़ी परेशानी पैदा कर सकती है?

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खबरों की मानें तो वर्ल्ड रिचेस्ट पर्सन एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में बिजनेस करने का लाइसेंस मिलने वाला है। यही बात दोनों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। लाइसेंस मिलते ही एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट के जरिए भारत के लोगों के लिए डाटा और वॉयस सर्विस शुरू कर देगी। जिसके बाद Jio और Airtel को एलन मस्क से कड़ी टक्कर मिलेगी अभी तक भारत में सिर्फ अंबानी और मित्तल के पास ही इस तरह का लाइसेंस है। एलन मस्क की कंपनी को लाइसेंस मिलने के बाद इस सेक्टर में मुकाबला काफी कढ़ा और तीखा होने के आसार हैं। जिसकी वजह से दोनों कंपनियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। मार्केट शेयरिंग में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। स्पेसएक्स की स्टारलिंक ने भारत के सैटेलाइट कंयूनिकेशन मार्केट में दूसरी बार एंट्री करने की कोशिश की है। इससे पहले कंपनी की ओर से कोशिशें किया गया था। कंपनी ने सरकार के अप्रूवल मिलने से पहले बुकिंग तक शुरू कर दी थी। उसके बाद कंपनी को लोगों का पैसा लौटा पड़ा। इस मार्केट में कोई तीसरा आकर अपनी जगह बनाने की कोशिश करें जियो और एयरटेल इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की कोशिश में जुटे है। स्टारलिंक और अमेजन के साथ टाटा भी इस रेस में है। अगले दो सालों में भारत की स्पेस इकोनॉमी के एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की हो सकती है। वहीं भारत की स्पेस इकॉनमी के 2025 तक 13 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

स्टारलिंक को भारत में बिजनेस करने का लाइसेंस मिलने वाला है
स्टारलिंक को भारत में बिजनेस करने का लाइसेंस मिलने वाला है